सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है और यह वर्ष में चार बार मनाई जाती है—चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि। इनमें से चैत्र नवरात्रि को बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है। यह नौ दिनों तक चलता है, जिसमें भक्तगण मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं और श्रद्धापूर्वक उपवास रखते हैं। इस नवरात्रि का समापन राम नवमी के दिन होता है, जो भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
भक्तगण इन नौ दिनों में देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष अनुष्ठान और हवन करते हैं। ये पर्व धार्मिक आस्था, सकारात्मक ऊर्जा और आत्मशुद्धि का प्रतीक है, जो भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाने का संदेश देता है।
इस साल कब शुरू होगी चैत्र नवरात्रि?
अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित कल्कि राम ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि, हिंदू पंचांग के मुताबिक, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च को शाम 4:27 बजे होगी और यह 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से 7 अप्रैल तक मनाई जाएगी।
मां दुर्गा की सवारी का क्या होगा प्रभाव?
इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है, जो अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब देवी दुर्गा हाथी पर सवार होकर धरती पर आती हैं, तो यह समृद्धि, धन वृद्धि और आर्थिक सुधार का संकेत होता है। माना जाता है कि यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
हाथी पर होगा आगमन और प्रस्थान
चैत्र नवरात्रि का समापन 7 अप्रैल, सोमवार को होगा और उसी दिन मां दुर्गा पुनः हाथी पर सवार होकर विदा लेंगी। यह भी एक शुभ संकेत है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक और आर्थिक रूप से लाभ मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
इस साल की चैत्र नवरात्रि न केवल धार्मिक बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। मां दुर्गा की विशेष कृपा से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहेगी।