हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार को विशेष माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन लक्ष्मी मां की आराधना करने से लाभ मिलता है। घर में सुख-समृद्धि आती है। दिवाली का त्योहार भी अब बेहद नजदीक आ गया है। घरों की साफ सफाई आखिरी हिस्से पर पहुंच गई होगी। दिवाली के मौके पर लोग साफ-सफाई का ज्यादा ध्यान देते हैं। घर की सफाई एक दिन का काम नहीं है। इसकी सफाई दिवाली के आने से पहले ही शुरू हो जाती है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अन्य त्योहारों के मुकाबले आखिर दिवाली के मौके पर ही इतनी ज्यादा सफाई क्यों की जाती है? दिवाली के मौके पर लोग कोने-कोने तक की सफाई करते हैं।
बता दें कि इस साल दिवाली का पर्व 29 अक्टूबर, मंगलवार धनतेरस के दिन शुरू हो जाएगा। फिर अगले दिन 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली मनाई जाएगी। वहीं इस साल दिवाली की तारीख को लेकर कुछ लोग भ्रम की स्थिति में हैं। कार्तिक मास की अमावस्या तिथि दो दिन पड़ने के कारण कुछ लोग दिवाली 31 अक्टूबर को मना रहे हैं। वहीं 01 नवंबर को दिवाली मनाएंगे। 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा मनाई जाएगी।
दिवाली पर क्यों की जाती है कोने-कोने की सफाई
भरतीय संस्कारों में साफ सफाई को काफी अहमियत दी गई है। वैसे भी हर दिन साफ सफाई होती रहती है। लेकिन दिवाली के मौके पर कुछ ज्यादा ही सफाई की जाती है। इस मौके पर बहुत से लोग घरों की रंगाई-पुताई भी करते हैं। दरअसल दिवाली के मौके पर लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं। मां लक्ष्मी को साफ-सफाई बहुत ज्यादा पसंद है। जिन घरों में गंदगी होती है। मां लक्ष्मी वहां कभी वास नहीं करती है। ऐसे में लोग घरों की साफ सफाई खास तौर से ध्यान देते हैं। धूल के एक – एक कण को हटाने की कोशिश की जाती है। मां लक्ष्मी के पूजन के लिए घरों को सजाया भी जाता है। इससे लक्ष्मी जी का आगमन होता है। घर पर सुख-समृद्धि बनी रहती है।
दीप जलाकर भगवान राम का स्वागत
वहीं ये भी मान्यता है कि भगवान श्रीराम जब 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे। ऐसे में अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका भव्य स्वागत किया था। अयोध्या नगरी को प्रभु श्रीराम के स्वागत के लिए दुल्हन की तरह सजाया गया था। यही वज है कि दिवाली पर लोग अपने घर-आंगन की साफ-सफाई बारीकी से करते हैं। फूल-मालाओं से सजाकर दीप जलाते हैं। गली-मोहल्ले में इस दिन गजब की रौनक देखने को मिलती है।
बारिश के बाद सफाई बहुत जरूरी
वैसे भी दिवाली का त्योहार बारिश के बाद आता है। बारिश के मौसम में कच्चे घरों की रौनक गायब हो जाती है। वहां काफी गंदगी फैल जाती है। वहीं पक्के मकान का पेंट भी फीका पड़ जाता है। बारिश का पानी कई जगह भर जाता है। जिससे आसपास गंदगी फैल जाती है। ऐसे में दिवाली के मौके पर अच्छी तरह से सफाई की जाती है। ताकि दोबारा जल्दी गंदगी न हो। भारत एक ऐसा देश है। जहां आमतौर पर साल भर में चार महीने बारिश होती है। इसके बाद बारिश बहुत कम होती है।