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Holashtak 2025: आज से शुरू होलाष्टक, विवाह पर लगेगी रोक, जानें धार्मिक मान्यता

Holashtak 2025: होलाष्टक 2025 का आरंभ शुक्रवार से होगा और यह आठ दिनों तक चलेगा। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। हालांकि, ये आत्मशुद्धि, पूजा-पाठ, दान और मंत्र जाप के लिए उत्तम समय होता है। भगवान विष्णु की आराधना और पितरों का तर्पण करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है

अपडेटेड Mar 06, 2025 पर 11:36 AM
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Holashtak 2025: होलाष्टक में क्या करें, क्या न करें? जानें महत्वपूर्ण नियम

होलाष्टक हिंदू धर्म में एक विशेष काल है, जो होली से आठ दिन पहले शुरू होता है। इस अवधि में विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, व्यापार शुरू करने जैसे शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। हालांकि, इसे अशुभ नहीं माना जाता, बल्कि यह आत्मशुद्धि, दान-पुण्य और साधना का श्रेष्ठ समय होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक में ग्रहों की उग्रता बढ़ जाती है, जिससे नए कामों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस समय भगवान विष्णु की पूजा, मंत्र जाप, हनुमान चालीसा पाठ और दान करने से विशेष लाभ मिलता है।

खासतौर पर पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है। इसलिए, होलाष्टक के दौरान शुभ कार्यों से बचते हुए भक्ति, ध्यान और दान पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके।

होलाष्टक 2025 कब से शुरू हो रहा है?


इस वर्ष होलाष्टक की शुरुआत शुक्रवार से हो रही है। ये काल फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक यानी आठ दिनों तक रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन दिनों में शुभ कार्य वर्जित होते हैं, लेकिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है।

होलाष्टक में क्या करें?

होलाष्टक के दौरान पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान करने से विशेष लाभ मिलता है। इस समय किए गए दान और मंत्र जाप से नकारात्मक प्रभाव कम होता है।

मंत्र जाप करें – विष्णु सहस्त्रनाम, हनुमान चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

दान करें – गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें।

पितरों को तर्पण करें – इस दौरान पिंडदान और तर्पण करने से पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है।

होलाष्टक में क्या न करें?

होलाष्टक के आठ दिनों में कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।

विवाह, गृह प्रवेश, सगाई, नामकरण संस्कार न करें।

नए घर, जमीन या वाहन की खरीदारी न करें।

व्यवसाय की नई शुरुआत या दुकान, ऑफिस का उद्घाटन न करें।

होलाष्टक का धार्मिक महत्व

होलाष्टक न केवल एक धार्मिक अवधारणा है, बल्कि ये हमें नकारात्मक ऊर्जा से बचाव का अवसर भी देता है। इन दिनों को आत्मशुद्धि, ध्यान, और भक्ति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए, इस अवधि में शुभ कार्यों से बचें और ईश्वर की आराधना में समय बिताएं करें।

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First Published: Mar 06, 2025 11:36 AM

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