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Karwa Chauth 2024: करवाचौथ पर रखी जाती है पूजा की ये सामग्री, जान लें लिस्ट, कहीं रह न जाए पूजा में कमी

Karwa Chauth 2024: करवा चौथ एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे भारत में खासकर उत्तरी हिस्सों में विवाहित महिलाएं मनाती हैं। रविवार 20 अक्टूबर को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास करती हैं और अपने पतियों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं

अपडेटेड Oct 19, 2024 पर 6:50 PM
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Karwa Chauth 2024: करवा चौथ एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे भारत में खासकर उत्तरी हिस्सों में विवाहित महिलाएं मनाती हैं।

Karwa Chauth 2024: करवा चौथ एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे भारत में खासकर उत्तरी हिस्सों में विवाहित महिलाएं मनाती हैं। रविवार 20 अक्टूबर को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास करती हैं और अपने पतियों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। इस पर्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा करवा चौथ पूजा है, जिसमें सभी आवश्यक सामग्रियों का होना जरूरी है।

करवा चौथ 2024: आवश्यक पूजा सामग्री

करवा (मिट्टी का घड़ा): यह पूजा का केंद्रीय तत्व है। इसे पानी से भरा जाता है और चंद्रोदय के समय इसका उपयोग किया जाता है। यह समृद्धि का प्रतीक है।


पूजा थाली: एक सजावटी थाली जिसमें दीपक, अगरबत्ती, फूल और कुमकुम जैसे पूजा के आवश्यक सामान होते हैं।

चलनी (छलनी): यह चंद्रोदय के समय चांद को देखने के लिए उपयोग की जाती है।

सिंदूर: विवाहित महिलाओं के लिए sindoor का प्रयोग महत्वपूर्ण है, जो उनकी वैवाहिक स्थिति को दर्शाता है।

दीया: मिट्टी का दीपक जलाकर पूजा थाली में रखा जाता है, जो प्रकाश और सकारात्मकता का प्रतीक है।

रोली और चावल: ये तिलक के लिए उपयोग होते हैं, जो सम्मान और भक्ति का प्रतीक है।

नैवेद्य: फल, मिठाइयां और मेवे देवी पार्वती को चढ़ाए जाते हैं। जैसे खीर, हलवा, या लड्डू।

फूल और माला: ताजे फूलों का उपयोग पूजा स्थल को सजाने और देवताओं को अर्पित करने के लिए किया जाता है।

मेहंदी: कई महिलाएं करवा चौथ पर मेहंदी लगाती हैं, जो समृद्धि का प्रतीक है।

मठरी और मिठाइयां: उपवास के लिए मठरी और अन्य मिठाइयाँ जैसे लड्डू, बर्फी और खीर बनाई जाती हैं।

करवा चौथ पूजा की विधि

एक बार आवश्यक सामग्री इकट्ठा हो जाने के बाद करवा चौथ पूजा शाम को शुरू होती है। विवाहित महिलाएं अपने सबसे अच्छे कपड़े पहनती हैं, अक्सर पारंपरिक साड़ी या लहंगे में सजती हैं। अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं। पूजा थाली में सभी सामग्री सजाई जाती है, और महिलाएं एकत्र होकर करवा चौथ की कथा सुनती हैं, जिसमें इस पर्व का महत्व और पतियों के प्रति भक्ति का वर्णन होता है।

पूजा के बाद उपवास चांद को देखने के बाद समाप्त होता है। महिलाएं चलनी के माध्यम से चांद को देखती हैं और करवा से चांद को पानी अर्पित करती हैं। इसके बाद पति अपनी पत्नियों को आशीर्वाद देते हैं और उन्हें भोजन और पानी देकर उपवास तोड़ते हैं।

करवा चौथ केवल उपवास का दिन नहीं है, बल्कि पति-पत्नी के बीच के संबंध और प्रेम का उत्सव है। सभी आवश्यक पूजा सामग्री को पहले से तैयार करके महिलाएं पूर्ण श्रद्धा के साथ इस पर्व का पालन कर सकती हैं, जिससे एक दीर्घ और समृद्ध वैवाहिक जीवन की कामना की जा सके। करवा चौथ 2024 को पारंपरिक उल्लास और खुशी के साथ मनाने के लिए सभी आवश्यक सामग्रियों को एकत्रित करना न भूलें।

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