Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला हर 12 साल में विशेष ग्रह स्थिति और खगोलीय योग के आधार पर होता है। यह भारत का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। इसमें करोड़ों श्रद्धालु स्नान, ध्यान और दान करने आते हैं। मान्यता है कि कुंभ में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं। इससे आध्यात्मिक शांति और उन्नति होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुंभ मेले की शुरुआत एक अनोखी पौराणिक कथा से हुई है? यह कथा समुद्र मंथन और चंद्र देव की एक छोटी सी गलती से जुड़ी है। कहा जाता है कि अमृत कलश को सुरक्षित स्वर्ग ले जाते समय चंद्रमा की गलती के कारण अमृत की चार बूंदें धरती पर गिर गईं। ये चार स्थान – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक पवित्र माने जाने लगे।