Credit Cards

इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन पर 20% TCS का नियम स्टार्टअप्स और कंपनियों की बढ़ा सकता है परेशानी

कंपनियां अपने एप्लॉयीज को इंटरनेशनल पेमेंट्स के लिए कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल की इजाजत देती हैं। उनका मानना है कि TCS के नियम की वजह से उन्हें कंप्लायंस के लंबे प्रोसेस का पालन करना होगा। इसके लिए शॉर्ट टर्म में उन्हें कैश की कमी की आशंका भी है

अपडेटेड May 19, 2023 पर 12:28 PM
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स्टार्टअप्स और कंपनियां आम तौर पर अपने एंप्लॉयीज को बिजनेस ट्रेवल और इंटरनेशनल ट्रेवल एक्सपेंसेज के लिए कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल की इजाजत देती है। इसमें विदेश में रहने और खानेपीने का खर्च भी शामिल होता है।

इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड (International Credit Card) से ट्रांजेक्शन पर 20 फीसदी TCS के नियम की वजह से कुछ इंडियन स्टार्टअप्स और कंपनियां परेशान हैं। ये कंपनियों ने अपने एप्लॉलीयज को इंटरनेशनल पेमेंट्स के लिए कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल की इजाजत देती हैं। उनका मानना है कि TCS के नियम की वजह से उन्हें कंप्लायंस के लंबे प्रोसेस का पालन करना होगा। इसके लिए शॉर्ट टर्म में उन्हें कैश की कमी की आशंका भी है। दरअसल हाल में फाइनेंस मिनिस्ट्री ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) का दायरा बढ़ा दिया है। इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शंस को भी FEMA के तहत लाया गया है।

कंपनियों के कैशफ्लो पर असर पड़ने की आशंका

टैक्स कॉम्पास के सीईओ अजय रोटी ने कहा, "यह तय है कि तुरंत कैशफ्लो पर इसका असर पड़ने जा रहा है। यह नया लेवी नहीं है। पहले TCS 5 फीसदी था। अब यह 20 फीसदी हो गया है। प्रॉब्लम सिर्फ यह है कि पैसा एक साल बाद वापस आएगा। तब तक यह पैसा फंसा रहेगा। रिफंड के लिए अप्लाई करने के बाद भी पैसे आने में समय लगेगा।"


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कंपनियां क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल का इजाजत देती हैं

स्टार्टअप्स और कंपनियां आम तौर पर अपने एंप्लॉयीज को बिजनेस ट्रेवल और इंटरनेशनल ट्रेवल एक्सपेंसेज के लिए कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल की इजाजत देती है। इसमें विदेश में रहने और खानेपीने का खर्च भी शामिल होता है। बिल और ट्रांजेक्शन इनवॉयस कलेक्ट करने के बाद कंपनियां इन खर्चों को रिइम्बर्स (एंप्लॉयी को वापस) कर देती हैं।

विदेश में सेवाएं देने वाले प्रोफेशनल्स पर भी असर

एक दूसरे चार्टर्ड अकाउंटेंट ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, "अब सवाल यह पूछा जाना चाहिए कि क्या इंडियन कंपनियां जो इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स लेती हैं वे महंगे हो जाएंगे...कई कंपनियों के लिए कंप्लायंस का खर्च बढ़ने जा रहा है।" हालांकि, यह फाइनल टैक्स लायबिलिटी नहीं है, लेकिन इससे थोड़े समय के लिए वर्किंग कैपिटल फंस सकता है, क्योंकि TCS का पैसा सरकार के पास एक साल से ज्यादा समय तक फंसा रहेगा।

LRS का दायरा बढ़ा

आंत्रप्रेन्योर और कॉर्पोरेट लॉयर सुहास बालिगा ने ट्विटर पर लिखा है, "मान लीजिए आप एक व्यक्ति के रूप में सॉफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं या विदेश में सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में आपकी इनपुट कॉस्ट्स फॉरेन सॉफ्टवेयर और सर्विसेज होंगी। इस तरह TCS आपके बिजनेस को पूरी तरह से खत्म कर देगा।" फाइनेंस मिनिस्ट्री के FEMA के नियमों में उल्लंघन करने के बाद इंटरनेशनल क्रेडिट से विदेशी मुद्रा में पेमेंट भी LRS की लिमिट के तहत आ गया है। इसके तहत एक व्यक्ति को एक साल में 2.5 लाख डॉलर विदेश में खर्च करने की इजाजत है। अब इस पर 20 फीसदी टीसीएस लगेगा।

अब तक यह नियम लागू था

यूनियन बजट 2023 में टीसीएस बढ़ाने के ऐलान से पहले LRS के तहत विदेश में 7 लाख से ज्यादा खर्च पर TCS 5 फीसदी था। अब यह 20 फीसदी हो गया है। विदेश में बीमारी के इलाज या पढ़ाई को छोड़ बाकी सभी तरह के खर्चों पर 20 फीसदी टीसीएस का नियम लागू होगा।

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