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Accenture में छंटनी की तैयारी, इस कारण अधिग्रहण से भी पीछे लौटने की है योजना

भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस ने अभी हाल ही में एआई के बढ़ते चलन और सुस्त मांग पर 12 हजार एंप्लॉयीज की छंटनी का ऐलान किया था। अब इसी एआई के चलते एक्सचेंर ने भी छंटनी की योजना का ऐलान किया है। इसके अलावा कुछ अधिग्रहण से बाहर निकलने की भी योजना है। चेक करें Accenture की स्ट्रैटेजी

अपडेटेड Sep 26, 2025 पर 1:20 PM
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Accenture Layoff: मल्टीनेशनल प्रोफेशनल सर्विसेज कंपनी एक्सेंचर में छंटनी की तैयारी चल रही है। इसके अलावा कंपनी की योजना कुछ अधिग्रहण से बाहर निकलने की है क्योंकि इसका मानना है कि इस वित्त वर्ष 2026 में ग्रोथ सुस्त रह सकती है।

Accenture Layoff: मल्टीनेशनल प्रोफेशनल सर्विसेज कंपनी एक्सेंचर में छंटनी की तैयारी चल रही है। इसके अलावा कंपनी की योजना कुछ अधिग्रहण से बाहर निकलने की है क्योंकि इसका मानना है कि इस वित्त वर्ष 2026 में ग्रोथ सुस्त रह सकती है। कंपनी ने अपनी योजनाओं का खुलासा अर्निंग्स कॉल में किया। हालांकि कंपनी ने इसका खुलासा नहीं किया कि कितने एंप्लॉयीज की नौकरी पर तलवार लटक रही है। कंपनी की सीईओ जूली स्वीट का कहना है कि ऐसे लोगों को बाहर किया जाएगा, जो कंपनी के लिए जरूरी स्किल से लैस नहीं हैं। कंपनी ने ये योजनाएं ऐसे समय में तैयार की हैं, जब यह जेनेरेटिव एआई और क्लाउड सर्विसेज में निवेश जारी रखे हुए है। ये ऐसे एरियाज हैं, जिसमें मांग काफी मजबूत बनी हुई है। जूली का कहना है कि एआई की मजबूत मांग बनी हुई है लेकिन कंपनी के लिए अहम बाजारों में ओवरऑल ग्रोथ सुस्त है।

Accenture की ये है स्ट्रैटेजी

एक्सेंचर की सीएफओ एंजी पार्क ने चेतावनी दी है कि वित्त वर्ष 2026 में इसके रेवेन्यू की रफ्तार पहले के अनुमान के मुकाबले कम रह सकती है। उन्होंने कहा कि कंपनी का फोकस एफिसिएंसी पर है और यह ऐसे निवेश को प्राथमिकता दे रही है, जिनसे ज्यादा रिटर्न मिले। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में एक्सेंचर के एंप्लॉयीज की संख्या में लगभग 7,000 की गिरावट आई और अब इसके एंप्लॉयीज की संख्या करीब 7.70 लाख रह गई।


एनालिस्ट्स ने जब कंपनी के मैनेजमेंट से एंप्लॉयीज की छंटनी से क्लाइंट डिलीवरी और मौजूदा एंप्लॉयीज को बनाए रखने की क्षमता पर असर को लेकर सवाल किया तो कंपनी ने कहा कि रीस्किलिंग प्रोग्राम जारी रहेगा और सर्विस क्वालिटी बनाए रखने के लिए प्रॉयोरिटी वाले एरिया में हायरिंग जारी रहेगी। हालांकि कंपनी ने वित्त वर्ष 2026 में अमेरिका और यूरोप में एंप्लॉयीज की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी की उम्मीद जताई है।

मांग में कमी की आशंका

एक्सेंचर को पूरे साल के रेवेन्यू में स्थानीय करेंसी में 2-5% ग्रोथ की उम्मीद है जबकि पहले अनुमान 7% की थी। परेशान करने वाली बात ये है कि इसमें अमेरिका फेडरल बिजनेस से इस पर 1-1.5% के असर को शामिल नहीं किया गया है। एक्सेंचर की सीईओ ने 20 मार्च 2025 को कंपनी की अर्निंग्स कॉल में कहा था कि ट्रंप सरकार का जोर एफिसिएंसी पर है और इसके तहत कई नई खरीदारी सुस्त हो गई हैं जिसका कंपनी के सेल्स और रेवन्यू पर झटका दिख रहा है।

अधिग्रहण से हट रही पीछे

एक्सेंचर ने कुछ नॉन-कोर बिजनेस से बाहर निकलने की योजना का ऐलान किया है। कंपनी अपनी पोर्टफोलियो ऑप्टिमाइजेशन स्ट्रैटेजी के तहत $86.5 करोड़ के एसेट्स बेचेगी। कंपनी ऐसा इसलिए करना चाह रही है ताकि रिसोर्सेज को हाई ग्रोथ वाले एरियाज जैसे कि एआई, डिजिटल सर्विसेज और क्लाउड में लगाए जा सकें।

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