अमेरिकी निवेशक हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों का अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ (Adani Enterprises FPO) पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह पूर्व निर्धारित योजना के मुताबिक ही जारी रहेगा। ये बातें अडानी ग्रुप के मुख्य वित्तीय अधिकारी जुगेशिंदर सिंह ने कही है। मामला ये है कि पिछले हफ्ते अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Researh) ने अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों पर गड़बड़ियों का आरोप लगाया था। इसी दौरान अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर खुल गया तो इसे लेकर अनिश्चितता जताई जा रही थी। हालांकि अब तय हो गया है कि यह ऑफर योजना के मुताबिक ही जारी रहेगा।
Hindenburg Research का क्या है आरोप
अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने 25 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें उसने अडानी ग्रुप की कंपनियों में शॉर्ट पोजिशन लेने का खुलासा किया था। ये पोजिशन अमेरिकी में ट्रेड होने वाले बॉन्ड और नॉन-इंडियन ट्रेडेड डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए लिए गए हैं। हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप की कंपनियों पर मार्केट मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया है। हिंडनबर्ग के आरोपों पर अडानी ग्रुप ने 350 पेज का जवाब जारी किया है जिसमें सालाना रिपोर्ट, पब्लिक डिस्क्लोजर्स और कोर्ट के फैसले शामिल हैं।
अडानी के मुताबिक हिंडनबर्ग ने 88 सवालों के जवाब मांगे थे जिसमें से 65 तो उन मामलों से जुड़े हैं जिनका अडानी ग्रुप की कंपनियां अपनी सालाना रिपोर्ट में पहले ही खुलासा कर चुकी हैं। बाकी सवाल पब्लिश शेयरहोल्डर्स और थर्ड पार्टी से जुड़े हैं और कुछ तो मनगढ़ंत आरोप हैं। अडानी ने कंपनी के ऑडिटर्स से जुड़े सवालों के जवाब भी दिए हैं। अडानी का कहना है कि सभी ऑडिटर्स पूरी तरह से क्वालिफाइड हैं और सर्टिफाइड हैं।
Adani Group के सीएफओ का क्या कहना है
जुगेशिंदर सिंह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने जान-बूझकर अडानी ग्रुप के सिर्फ डिस्क्लोजर्स का इस्तेमाल करते हुए गुमराह करने वाले तथ्य तैयार किए। एक मीडिया ग्रुप को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप खर्चों और आम गतिविधियों को पूरा करने के लिए ही पूरी पूंजी नहीं जुटाती है बल्कि हर काम के लिए फंड जुटाया जाता है।
उनका कहना है कि हिंडनबर्ग ने गलती ये की कि अडानी ग्रुप को टेक कंपनियों की तरह समझकर रिपोर्ट तैयार की जो अपने खर्चों को पूरा करने के लिए कमाई करती है। जुगेशिंदर के मुताबिक अडानी ग्रुप की कंपनियां तीन कारणों- शेयरहोल्डर रजिस्टर के विस्तार, रिसर्च हाउसेज से स्टॉक के डाइवर्सिफाइड कवरेज और इक्विटी कैपिटल के ग्रोथ के लिए काम करती हैं।