Adani-Kenya Deal: गौतम अदाणी की केन्या एयरपोर्ट डील पर विवाद, कोर्ट से लेकर संसद तक पहुंचा मामला

Adani Kenya Deal: अरबपति गौतम अडानी की अगुआई वाले अदाणी ग्रुप को केन्या में भारी विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ रहा है। अदाणी ग्रुप ने केन्या के मुख्य एयरपोर्ट, जोमो केन्याटा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (JKIA) को चलाने की डील की है, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस डील के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, अदालतों में मुकदमे और वहां की सीनेट में सुनवाई भी शुरू हो गई है

अपडेटेड Sep 28, 2024 पर 3:32 PM
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Adani Kenya Deal: अदाणी ग्रुप को केन्या में हाई-वोल्टेज पावर ट्रांसमिशन लाइनों को बनाने की डील भी मिल गई है

Adani Kenya Deal: अरबपति गौतम अदाणी की अगुआई वाले अदाणी ग्रुप को केन्या में भारी विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ रहा है। अदाणी ग्रुप ने केन्या के मुख्य एयरपोर्ट, जोमो केन्याटा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (JKIA) को चलाने की डील की है, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस डील के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, अदालतों में मुकदमे और वहां की सीनेट में सुनवाई भी शुरू हो गई है। इस बीच अदाणी ग्रुप को केन्या में हाई-वोल्टेज वाले पावर ट्रांसमिशन लाइनों को बनाने की एक डील भी मिल गई है। बता दें गौतम अदाणी, एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी हैं।

केन्या की एक अदालत ने पहले ही जोमो केन्याटा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए अदाणी की बिना मांगे दी गई बोली को अस्थायी रूप से रोक दिया है। एयरपोर्ट के कर्मचारियों ने इस डील के खिलाफ हड़ताल की थी। साथ ही, विपक्षी नेताओं ने भी इस डील की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं, जिसने वहां की सरकार को इस डील को बचाव करने के लिए मजबूर किया है।

यह विवाद ऐसे समय में आया है, जब स्विट्जरलैंड में अदाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच की खबरें सामने आईं हैं। हालांकि, अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों को “बेबुनियाद” करार दिया है और इस जांच से इनकार किया है।


विपक्षी नेताओं का आरोप है कि अदाणी ग्रुप और केन्या सरकार ने इस डील को जनता से छुपाया और इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं दी। केन्या के विपक्षी दल ऑरेंज डेमोक्रेटिक मूवमेंट के नेता, गवर्नर अन्यांग न्योन्गो ने अपने एक लेख में कहा, ""सरकार की ओर से इस डील को लेकर शुरू से ही पारदर्शिता की कमी रही है।" उन्होंने कहा कि केन्या की इतिहास में पहले भी इस तरह की गुप्त डील को आगे चलकर बड़ा घोटाला बनते देखा गया है।

गौतम अदाणी को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी सहयोगी माना जाता है। प्राकतिक संसाधनों से भरपूर अफ्रीका में उनकी गतिविधियों को चीन का मुकाबला करने के भारत के प्रयासों के तौर के रूप में देखा जाता है।

केन्या सरकार ने इस डील का बचाव किया और पिछले हफ्ते सीनेट को स्पष्टीकरण दिया कि यह प्रस्ताव पारदर्शिता के साथ किया गया है। अदाणी समूह के प्रवक्ता ने कहा कि उनके प्रस्ताव केन्या के पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप एक्ट 2021 के तहत दिए गए थे और उन्होंने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया है।

डील के खिलाफ हड़ताल और मुकदमेबाजी

सितंबर के शुरुआत में, जब अदाणी की इस डील की खबर सामने आई, तो एयरपोर्ट के कर्मचारियों ने अपनी नौकरियां खोने की आशंका के चलते हड़ताल कर दी, जिससे एयरपोर्ट पर कामकाज ठप हो गया और यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कुछ दिन पहले ही, केन्या की हाई कोर्ट ने इस परियोजना पर अस्थायी रोक लगा दी थी। कोर्ट में यह मामला केन्या ह्यूमन राइट्स कमीशन और लॉ सोसाइटी ऑफ केन्या की ओर से दाखिल किया था, जिसमें तर्क दिया गया कि इस परियोजना के लिए 1.85 अरब डॉलर का निवेश जरूरी है, जो केन्या अदाणी की शर्तों को माने बिना खुद से भी जुटा सकता है।

डील की पारदर्शिता पर सवाल

इस डील के सबसे विवादित पहलुओं में से एक इसकी पारदर्शिता की कमी है। एयरपोर्ट के संचालन के लिए अदाणी को 30 साल का रियायत देने की योजना पर गहरा विरोध हो रहा है। केन्या के सीनेट में अदाणी ग्रुप के प्रस्ताव की एक कॉपी पेश करने के लिए कहा गया था, लेकिन 12 सितंबर को वहां के परिवहन सचिव डेविस चिरचिर ने बिना डॉक्यूमेंट के गी सीनेट की बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि सरकार मार्च की शुरुआत से मिले इस प्रस्ताव पर अभी भी अपनी जांच कर रही है।

हाई-वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन का सौदा

एयरपोर्ट डील के विवाद के बीच, केन्या सरकार ने अदाणी ग्रुप को हाई-वोल्टेज बिजली ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण का 1.3 अरब डॉलर का डील भी दे दिया है। यह डील अफ्रीकन डेवलपमेंट बैंक के साथ साझेदारी में किया गया है।

Adani Group की सफाई

अदाणी ग्रुप ने कोर्ट में दिए अपने जवाब में कहा कि याचिका में किए गए कई दावे झूठे और बिना आधार के हैं। ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि वे किसी भी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप या रियायती समझौतों की शर्तों पर टिप्पणी नहीं कर सकते, क्योंकि चर्चा अभी जारी है।

केन्या के कुछ आलोचकों का मानना है कि यह सौदा केन्या की संप्रभुता को कमजोर कर सकता है। उनका कहना है कि निवेश की राशि बहुत कम है और अदाणी समूह को दी जाने वाली रियायतें बहुत अधिक हैं।

पड़ोसी देशों से कॉम्पिटीशन

इस बीच, पड़ोसी देशों जैसे इथियोपिया और रवांडा में भी नए एयरपोर्ट्स को बनाने के लिए बड़े निवेश किए जा रहे हैं। इथियोपिया 5 अरब डॉलर के निवेश से अफ्रीका का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बना रहा है, जबकि रवांडा 2 अरब डॉलर की लागत से एक नया एयरपोर्ट बना रहा है।

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First Published: Sep 28, 2024 3:32 PM

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