अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट के बाद से अदाणी ग्रुप के विदेशी बॉन्ड्स (Ovearseas Bonds) की यील्ड्स लगातार बढ़ रही है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई इन्फ्रा के ओवरसीज बॉन्ड की यील्ड्स 22 फरवरी को बढ़कर 9.2261 फीसदी पर पहुंच गई, जो एक महीने पहले 24 जनवरी को 7.2451 फीसदी था। वहीं अदाणी ग्रीन एनर्जी का बॉन्ड यील्ड्स बढ़कर 19.9714 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो 24 जनवरी को 7.4802 फीसदी था। इसके अलावा अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन और अदाणी इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल की बॉन्ड यील्ड्स क्रमश: बढ़कर 9.201 फीसदी और 6.943 फीसदी पर पहुंच गई, जो एक महीने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आने से पहले क्रमश: 6.7 फीसदी और 5.693 फीसदी था।
रिसर्जेंट इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर, ज्योति प्रकाश गड़िया ने बताया, "हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आने और उसके बाद FPO को वापस लिए जाने से बाजार में काफी अस्थिरता है, जिसका असर विदेशी बॉन्ड की यील्ड्स में उछाल से भी दिख रहा है।"
प्राइम डेटाबेस के एक आंकड़े के मुताबिक, अदाणी ग्रुप के सामने अगले कुछ सालों 90,000 करोड़ के रिडेम्प्शन आने वाले है। इसमें विदेशी बॉन्ड्स और कमर्शियल पेपर शामिल हैं।
गड़िया ने कहा, "मैनेजमेंट इसके दूरगामी असर को संभालने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इसके साथ बाजार को स्थिर करने और निवेशकों की रुचि को फिर से जगाने के लिए ग्रुप को स्पष्ट और ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है।"
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अदाणी ग्रुप ने पिछले हफ्ते बॉन्ड निवेशकों के साथ कॉल अरेंज करने के लिए बैंकों को हायर किया था। मार्केट पार्टिसिपेंट्स ने बताया कि बॉन्ड निवेशकों को भरोसा बनाए रखने के लिए बैठकें बुलाई गई थीं। हालांकि, ग्रुप के बॉन्ड यील्ड पर कोई सकारात्मक असर नहीं दिख रहा है।
इस बीच अदाणी पोर्ट्स ने इस हफ्ते की शुरुआत में SBI म्यूचुअल फंड को 1,000 करोड़ रुपये और आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड्स को 500 करोड़ रुपये के कमर्शियल पेपर का भुगतान किया था। बॉन्ड डीलरों का कहना है कि अदाणी ग्रुप के बॉन्ड में निवेश करने अधिकतर निवेशक फिलहाल 'देखो और इंतजार करो' के मोड में हैं।
बता दें कि अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने बीते 24 जनवरी को अदाणी ग्रुप पर अकाउंटिंग फ्रॉड और शेयरों में हेरफेर की कोशिश का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए सिरे से खारिज किया था। हालांकि इसके बाद से अदाणी ग्रुप की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में तगड़ी गिरावट है। साथ ही इसके विदेशी बॉन्ड्स की यील्ड्स भी बढ़ी है।