Adani-Hindenburg Row: अडानी ग्रुप और हिंडनबर्ग विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को कहा कि शेयर बाजार में भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत सिस्टम होना चाहिए। कोर्ट ने सेबी (SEBI) से उन उपायों का सुझाव देने के लिए कहा जो भारतीय निवेशकों को बाजार की अस्थिरता से बचाने के लिए उठाए जा सकते हैं। कोर्ट की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में पिछले कुछ दिनों से लगातार गिरावट जारी है।
सु्प्रीम कोर्ट ने SEBI से कहा कि वह निवेशकों की सुरक्षा के लिए मौजूदा ढांचे से कोर्ट को अवगत कराए और यह भी बताए कि क्या इस सिस्टम को मजबूत करने के लिए और उपाय करना आवश्यक है। कोर्ट ने यह भी पूछा क्या वह मौजूदा सिस्टम पर सुझाव देने के लिए सरकार एक कमेटी बनाने को राजी होगी और इस कमिटी के सदस्य कौन-कौन हो सकते हैं।
हालांकि कोर्ट ने इसके साथ यह भी स्पष्ट किया कि उसकी टिप्पणियां इस बात को नहीं बताती हैं कि SEBI एक नियामकीय संस्था के रूप में किस तरह से काम कर रही है।
सुनवाई के दौरान, पीठ ने सॉलिसिटर जनरल से यह भी पूछा कि पिछले कुछ दशकों में जिस तरह से शेयर बाजार विकसित हुआ है, उसे देखते हुए भविष्य में भारतीय निवेशकों को इस तरह के नुकसान से बचाने के लिए रेगुलेटरी सिस्टम को कैसे मजबूत किया जा सकता है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने सुनवाई के दौरान कहा, "शेयर बाजार अब ऐसी जगह नहीं है जहां केवल बड़े निवेशक ही निवेश करते हैं। रिटेल और छोटे निवेशक भी इन दिनों अपना पैसा इक्विटी में लगाते हैं।'
सेबी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने CJI चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच को बताया कि यह मुद्दा भारत के बाहर शुरू हुआ था, लेकिन रेगुलेटर इस पूरे मामले पर करीबी से नजर रखे हुए है और यह मामले उसके प्राथमिकताओं में हैं।
सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अडानी-हिंडनबर्ग मामले में दाखिल दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने इस मामले में सेबी और केंद्र सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा है। मामले पर अगली सुनवाी पर अब 13 फरवरी हो सकती है।