सरकार को उम्मीद है कि Tesla की गाड़ियों में तीन साल से कम समय में 50 फीसदी वैल्यू एडिशन इंडिया में होगा। एक सीनियर अफसर ने यह बताया। इंडिया में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की पॉलिसी में 50 फीसदी डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन के लिए 5 साल की डेडलाइन तय की गई है। 15 फीसदी की इंपोर्ट ड्यूटी इस शर्त से जुड़ी है। इसका मतलब है कि 50 फीसदी डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन की शर्त पूरी करने पर ही 15 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी का फायदा मिलेगा। अधिकारी ने मनीकंट्रोल को बताया कि मोबाइल फोन के मुकाबले EV कंपोनेंट के लिए इकोसिस्टम बेहतर है। इसलिए सरकार को उम्मीद है कि डेडलाइन के अंदर 50 फीसदी डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन में कंपनियों को दिक्कत नहीं आएगी।
22 अप्रैल को टेस्ला की इंडिया में एंट्री का ऐलान
इंडिया में टेस्ला की एंट्री का ऐलान 22 अप्रैल को हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क की मुलाकात होने वाली है। इसके बाद यह ऐलान हो सकता है। टेस्ला के इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग की जगह एसेंबलिंग करने की आशंका के बारे में अधिकारी ने कहा, "ईवी पॉलिसी में सोर्सिंग के सख्त नियम हैं। इंडिया में ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री स्ट्रॉन्ग है। टेस्ला पहले से ही इंडिया से 1.5-2 अरब डॉलर मूल्य के कंपोनेंट खरीद रही है।"
टेस्ला पहले से इंडिया से कंपोनेंट इंपोर्ट करती है
कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने सितंबर 2023 में कहा था कि टेस्ला पहले से इंडिया से 1 अरब डॉलर के कंपोनेंट का इंपोर्ट करती है। कंपनी ने इसे बढ़ाकर 1.7-1.9 अरब डॉलर करने का प्लान बनाया है। अधिकारी ने यह भी कहा कि एपल के आईफोन में वैल्यू एडिशन 15-20 फीसदी है। लेकिन, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स के मुकाबले इंडिया में कंपोनेंट सेक्टर स्ट्रॉन्ग है।
टेस्ला को इन शर्तों का भी पालन करना होगा
ईवी पॉलिसी में डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन की शर्त के अलावा कई दूसरी शर्तें भी शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि ऑटो कंपनी को कम से कम 4,150 करोड़ रुपये निवेश करना होगा। इसके अलावा ईवी के कमर्शियल प्रोडक्शंस के लिए इंडिया में तीन साल के अंदर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी तैयार करनी होगी। इन शर्तों को पूरी करने वाली कंपनी को कम इंपोर्ट ड्यूटी पर इंडिया में एक साल में 8,000 ईवी इंपोर्ट करने की इजाजत होगी। ये शर्तें 35,000 डॉलर और इससे ज्यादा कीमत की कारों के लिए हैं। अभी इंडिया में आयातित कारों पर 70 से 100 फीसदी तक टैक्स लगता है। टैक्स कार की वैल्यू पर निर्भर करता है।
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