iPhone 16 की बैटरी भारत से क्यों खरीदना चाहती है Apple? चीन को लगेगा तगड़ा झटका

दिग्गज अमेरिकी कंपनी एपल (Apple) ने अपने कंपोनेंट्स सप्लायर्स से कहा है कि वह आगामी आईफोन16 (iPhone16) की बैटरी को भारतीय फैक्ट्रियों से लेना पसंद करेगी। फाइनेंशियल टाइम्स ने 6 दिसंबर को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। iPhone बनाने वाली इस दिग्गज कंपनी अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाने और भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाने के इरादे से यह फैसला लिया है

अपडेटेड Dec 07, 2023 पर 10:34 PM
Story continues below Advertisement
Apple ने भारत में अपनी उत्पादन क्षमता को पांच गुना से अधिक बढ़ाने की योजना बनाई है

दिग्गज अमेरिकी कंपनी एपल (Apple) ने अपने कंपोनेंट्स सप्लायर्स से कहा है कि वह आगामी आईफोन16 (iPhone16) की बैटरी को भारतीय फैक्ट्रियों से लेना पसंद करेगी। फाइनेंशियल टाइम्स ने 6 दिसंबर को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। iPhone बनाने वाली इस दिग्गज कंपनी ने अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाने और भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाने के इरादे से यह फैसला लिया है। इसके तहत एपल के लिए बैटरी बनाने वाली कंपनियों को भारत में फैक्ट्री लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इसमें चीन की कंपनी डेसे (Desay) भी शामिल है, जो एपल के लिए आईफोन की बैटरी बनाती है।

इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि एपल के लिए आईफोन की बैटरी बनाने वाली ताइवानी कंपनी, सिम्पलो टेक्नोलॉजी (Simplo Technology) से भी भारत में फैक्ट्री लगाने की अपील की गई है, ताकि वह भविष्य के ऑर्डरों को पूरा कर सके। मनीकंट्रोल स्वतंत्र रूप से इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं कर सका।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने 4 दिसंबर को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स बनाने वाली जापानी कंपनी टीडीके कॉर्प, भारत में एपल आईफोन के लिए लिथियम आयन (ली-आयन) बैटरी सेल को बनाएगी।


उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा था, "मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को भारत में लाने की पीएम मोदी की दूरदर्शी सोच की एक और बड़ी जीत। एपल की प्रमुख बैटरी सप्लायर्स में से एक, TDK ने हरियाणा के मानेसर में 180 एकड़ के परिसर में प्लांट लगाने का फैसला किया है। इसका इस्तेमाल 'मेड इन इंडिया' iPhones में किया जाएगा।"

यह भी पढ़ें- 'सोने की चिड़िया' है भारतीय शेयर बाजार, अगले 4-5 साल लगातार बनी रहेगी तेजी : रामदेव अग्रवाल

एपल कोविड काल के बाद से ही चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा चीन और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव भी इसके पीछे एक अहम कारण है।

इससे पहले अगस्त में, मनीकंट्रोल ने बताया कि एपल भारत में अपनी कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए तमाम रणनीतियां बनाने में जुटी है। कंपनी ने वित्त मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों के साथ एक बैठक के दौरान इन रणनीतियों को साझा भी किया था।

एपल ने भारत में अपनी उत्पादन क्षमता को पांच गुना से अधिक बढ़ाने की योजना बनाई है, जिसकी वैल्यू करीह 40 बिलियन डॉलर (लगभग 3.32 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच जाएगी। इस विस्तार को अगले 4-5 सालों में पूरा करने का लक्ष्य है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।