Fiscal Deficit: भारत सरकार का फिस्कल डेफिसिट यानी वित्तीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों (अप्रैल से दिसंबर 2022) में बढ़कर 9.93 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह इस वित्त वर्ष के कुल लक्ष्य का करीब 59.8 फीसदी है। सरकार ने मंगलवार 31 जनवरी को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी। पिछले वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में वित्तीय घाटा कुल लक्ष्य का 50.4 फीसदी रहा था।
सरकार ने बताया कि अप्रैल-दिसंबर अवधि के दौरान उसे टैक्स कलेक्शन से 21.7 लाख करोड़ रुपये की आमदनी हुई। यह वित्त वर्ष 2023 के कुल बजटीय अनुमान का 80.3 फीसदी है। पिछले साल इसी अवधि में रहे सरकार का टैक्स से 19.2 लाख करोड़ की आय हुई थी।
वहीं दूसरी तरफ सरकार का पूंजीगत खर्च (Captial Expenditure) वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में 4.9 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी अवधि में रहे 3.9 लाख करोड़ के आंकड़े से अधिक है।
ये आंकड़े बजट पेश किए जाने से एक दिन पहले आए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल 1 फरवरी को लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस दौरान वह आगामी वित्त वर्ष के लिए फिस्कल डेफिसिट के लिए नए लक्ष्य का भी ऐलान करेंगी।
आसान शब्दों में कहा जाए तो फिस्कल डेफिसिट का मतलब सरकार की आय (Revenue) और खर्च के बीच का अंतर है। जब सरकार का खर्च उसकी आय के तुलना में अधिक होता है तो इसे फिस्कल डेफिसिट यानी वित्तीय घाटा कहते हैं।