फार्मा सेक्टर की दिग्गज कंपनी एस्टर डीएम हेल्थकेयर (Aster DM Healthcare) की विस्तार की बड़ी योजना है। देश के कई शहरों में मल्टीस्पेशल्टी हॉस्पिटल्स चलाने वाली इस कंपनी के सीईओ नितीश शेट्टी ने मनीकंट्रोल से बातचीत में इसका खुलासा किया। एस्टर डीएम हेल्थकेयर के सीईओ के मुताबिक विस्तार योजना के तहत अगले दो से तीन साल में नेटवर्क में 1500 बेड जोड़ जाएंगे। इसके बाद एस्टर डीएम हेल्थकेयर के नेटवर्क में 6 हजार से अधिक बेड हो जाएंगे। एस्टर डीएम हेल्थकेयर चरणबद्ध तरीके से अपना विस्तार कर रही है और पहले चरण में वित्त वर्ष 2026 तक तिरुवनंतपुरम के एस्टर कैपिटल में 350 बेड बढ़ाने की योजना है। इसके अलावा Aster MIMS Kasargod में 200 से अधिक बेड जोड़े जाएंगे। विस्तार योजना के लिए करीब 800-850 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं।
नए मार्केट पर हैं निगाहें
एस्टर महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में भी मौके तलाश रही है। इसकी योजना उन बाजारों में प्रवेश करने की है जहां यह टॉप 3 में अपनी जगह बनाए रख सके। यह अपने मौजूदा मॉडल के समान अवसरों की तलाश में है। किस प्रकार के मार्केट में एस्टर पैर जमाने की कोशिश करेगी, इसे लेकर सीईओ ने बताया कि मेट्रो शहरों में जैसा इसका मॉडल है, उसे बनाने के लिए 30 लाख की जनसंख्या वाले शहरों की जरूरत पड़ेगी। इस मानक पर महाराष्ट्र के पुणे और नागपुर शहर विस्तार के लिए फिट बैठ रहे हैं। लैब और फार्मेसी बिजनेस में कंपनी का फोकस विस्तार की बजाय फिलहाल मुनाफे में आने की है। एस्टर के सीईओ के मुताबिक लैब जल्द ही ब्रेक इवन में आ सकता है तो अगले साल के आखिरी तक फार्मेसी भी ब्रेक इवन में पहुंच सकता है।
Aster DM Healthcare के कारोबार की डिटेल्स
1987 में दुबई में एक क्लीनिक से शुरूआत कर एस्टर अब भारत और खाड़ी देशों में काफी विस्तार कर चुकी है। भारत में इसकी मौजूदगी केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में है। इसके 19 अस्पताल, 13 क्लीनिक्, 226 फॉर्मेसी हैं। इसके नेटवर्क में 4 हजार से अधिक बेड हैं। कंपनी के सेहत की बात करें तो इसका डेट और EBITDA का रेश्यो काफी कम है और सितंबर 2023 तक के नतीजे के मुताबिक यह 3.2 पर है। इसके भारतीय कारोबार का नेट कर्ज 617 करोड़ रुपये है।
अब इंटरनेशनल कारोबार की बात करें तो एस्टर ने गल्फ कॉरपोरेशन काउंसिल (GCC) के अपने कारोबार को अल्फा जीसीसी होल्डिंग्स को 101 करोड़ डॉलर में बेचने की मंजूरी दे दी है। अभी बोर्ड इससे मिले फंड का 70-80 फीसदी यान 90.3 करोड़ डॉलर शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड के रूप में बांटने के प्रस्ताव पर विचार करेगा। इस प्रस्ताव को बोर्ड की मंजूरी मिलती है तो शेयरहोल्डर्स को हर शेयर पर 110-120 रुपये का डिविडेंड मिल सकता है। शेयरों की बात करें तो पिछले तीन महीने में यह 30 फीसदी चढ़ा है और इसे ट्रैक करने वाले सातों एनालिस्ट्स ने खरीदारी की रेटिंग दी है।