एस्टर डीएम (Aster DM) के शेयरधारकों ने एक सुर में गल्फ बिजनेस को अलग करने की मंजूरी दी। करीब 99.9 फीसदी शेयरहोल्डर्स ने न सिर्फ एस्टर डीएम हेल्थकेयर के भारतीय कारोबार को खाड़ी देशों के कारोबार से अलग करने की मंजूरी दी बल्कि इसकी मेजॉरिटी हिस्सेदारी प्राइवेट इक्विटी फर्म फज्र कैपिटल (Fajr Capital) को बेचने की भी मंजूरी दे दी। यह सौदा करीब 100 करोड़ डॉलर का है। कंपनी ने यह जानकारी एक्सचेंज फाइलिंग में दी है। कंपनी के फाउंडर और चेयरमैन आजाद मूपेन ने शेयरहोल्डर्स के तगड़े सपोर्ट को लेकर खुशी जताई। उनका मानना है कि दोनों कारोबारों को अलग करना लॉन्ग टर्म के हिसाब से कंपनी के लिए काफी बेहतर होगा और इससे बेशुमार मौके खुलेंगे।
इसका असर शेयरों पर भी दिखा और BSE पर आज यह 1.60 फीसदी की बढ़त के साथ 432.00 रुपये (Aster DM Healthcare Share Price) पर बंद हुआ है। एस्टर डीएम ने पिछले साल नवंबर 2023 में अल्फा जीसीसी होल्डिंग्स लिमिटेड को अपने मिडिल ईस्ट कारोबार को 101 करोड़ डॉलर में बेचने की हरी झंडी दे दी थी। इसका मालिकाना हक सौदा पूरा होने के बाद एस्टर इंडिया के प्रमोटर्स और फज्र कैपिटल एडवाइजर्स के फंड मैनेजमेंट के बीच 35:65 के रेश्यो में होगा।
शेयरहोल्डर्स में बंटेगा अधिकतर फंड
जिस सौदे को शेयरहोल्डर्स की मिली है, उसके पूरा होने के बाद जो फंड मिलेगा, उसमें 90.3 करोड़ डॉलर का 70-80 फीसदी एक ही बार में शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड के रूप में बांट दिया जाएगा। शेयरहोल्डर्स को हर शेयर पर 110-120 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड मिल सकता है।
Aster DM के लिए अब आगे क्या?
आजाद मूपेन का कहना है कि प्रमोटर्स भारत और खाड़ी, दोनों कारोबार को लेकर प्रतिबद्ध है और पहले की ही तरह कारोबार को मैनेज करते रहेंगे। आजाद के मुताबिक 140 करोड़ की जनसंख्या के साथ भारत में अगले कुछ साल में ग्रोथ की काफी गुंजाइश है और इसका लक्ष्य देश के टॉप 3 इंटीग्रेटेड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स में शुमार होने का है। कंपनी की योजना अगले दो से तीन साल में 1500 बेड जोड़ने की है जिसके बाद इसके नेटवर्क में 6 हजार से अधिक बेड हो जाएंगे। अभी एस्टर के पांच राज्यों में 19 अस्पताल, 226 फॉर्मेसी और 251 पेशेंट एक्सपीरिएंस सेंटर्स हैं।