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Axis Bank Strategy: तीसरी बार एक्सिस बैंक की कमान अमिताभ चौधरी को, एक्सिस फाइनेंस के विलय पर कही ये बात

Axis Bank Strategy: एक्सिस बैंक के सीईओ और एमडी अमिताभ चौधरी का कार्यकाल 31 दिसंबर 2024 को ही समाप्त हो गया था लेकिन उन्हें तीन और साल तक की जिम्मेदारी मिली है। 31 दिसंबर 2027 तक के लिए उन्होंने अपनी योजनाओं का खाका तैयार कर लिया है। अपने तीसरे कार्यकाल के बारे में उन्होंने मनीकंट्रोल से खास बातचीत में कहा कि जो कुछ भी बैंक ने अब तक हासिल किया है, उसे जारी रखना उनकी प्राथमिकता है

अपडेटेड Jan 01, 2025 पर 11:13 AM
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अमिताभ चौधरी ने कहा कि वर्ष 2019 में जब वह Axis Bank का हिस्सा बने थे तो उन्होंने हाउस ऑफ जीपीएस स्ट्रैटेजी तय की थी।

Axis Bank Strategy: एक्सिस बैंक के सीईओ और एमडी अमिताभ चौधरी का कार्यकाल 31 दिसंबर 2024 को ही समाप्त हो गया था लेकिन उन्हें तीन और साल तक की जिम्मेदारी मिली है। 31 दिसंबर 2027 तक के लिए उन्होंने अपनी योजनाओं का खाका तैयार कर लिया है। अपने तीसरे कार्यकाल के बारे में उन्होंने मनीकंट्रोल से खास बातचीत में कहा कि जो कुछ भी बैंक ने अब तक हासिल किया है, उसे जारी रखना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि वह अपनी टीम से कहते भी हैं कि हमें बस जीतते रहना है क्योंकि हम बहुत दूर तक आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि 2019 में पहली बार पद संभालने के कुछ ही महीने के भीतर बैंक के लिए हाउस ऑफ जीपीएस (ग्रोथ, प्रॉफिटेबिलिटी और सस्टेनिबिलिटी) स्ट्रैटेजी तय की गई थी और आगे भी इसी के हिसाब से काम होगा।

Axis Finance का Axis Bank में होगा विलय?

एक्सिस फाइनेंस के एक्सिस बैंक में विलय को लेकर उन्होंने कहा कि अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है और इस पर अभी अटकलें लगाना जल्दबाजी होगी। उन्होंने बताया कि एक्सिस फाइनेंस में लगातार इक्विटी पूंजी डाली जा रही है। हालांकि आरबीआई का मानना है कि बैंक को इसमें लगातार पैसे नहीं डालने चाहिए। ऐसे में एक समय ऐसा भी आ सकता है कि आरबीआई एक्सिस बैंक को अपनी शेयरहोल्डिंग को घटाने के लिए कह सकता है। इसे लेकर अमिताभ चौधरी का कहना है कि अक्टूबर 2024 के सर्कुलर को और अधिक स्पष्ट करने की जरूरत है।


वहीं एक और सहायक कंपनी एक्सिस कैपिटल को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें होल्डिंग को लेकर फिलहाल कोई दिक्कत नहीं दिख रही है लेकिन देखना होगा कि आरबीआई क्या फैसला लेता है। हालांकि एनबीएफसी को लेकर आरबीआई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बैंक के स्वामित्व वाली एनबीएफसी और बैंक के बीच लाइन दिखनी चाहिए।

एक्सिस कैपिटल और एक्सिस फाइनेंस में होल्डिंग को लेकर ये बातें तब सामने आई, जब सवाल एक्सिस मैक्स लाइफ में हिस्सेदारी बढ़ाने को लेकर आया। मैक्स लाइफ का नाम बदलकर अब एक्सिस मैक्स लाइफ हो गया है। इसमें बैंक की हिस्सेदारी अब 20 फीसदी है। हालांकि इसे आगे बढ़ाकर 50 फीसदी पर ले जाने के सवाल को लेकर उन्होंने जवाब दिया कि इसमें बहुत पूंजी लगेगी जो शायद समझदारी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि एक्सिस बैंक के पास चेयरमैन तय करने का अधिकार है और बोर्ड की कुछ सीट भी है तो बैंक इससे ही खुश है। उन्होंने आगे कहा कि मैक्स ने ही उनके पास खुद को एक्सिस मैक्स बनाने का प्रस्ताव भेजा था।

एक्सिस बैंक की कागरर स्ट्रैटेजी आगे भी रहेगी जारी

अमिताभ चौधरी ने कहा कि वर्ष 2019 में जब वह एक्सिस बैंक का हिस्सा बने थे तो उन्होंने हाउस ऑफ जीपीएस स्ट्रैटेजी तय की थी। इसमें इक्विटी पर 18 फीसदी रिटर्न का लक्ष्य था और नौ में से आठ तिमाहियों में यह मिला था। अमिताभ चौधरी के कार्यकाल में यूपीआई स्पेस में एक्सि बैंक की हिस्सेदारी 16-17 फीसदी से बढ़कर 31.5 फीसदी पर पहुंच चुकी है और उनकी योजना इसे और ऊपर ले जाने की है। अब आगे को लेकर उनका कहना है कि मौजूदा स्ट्रैटेजी आगे भी जारी रहेगी।

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