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हल्दीराम को खरीदने के लिए दुनिया की दिग्गज इक्विटी फर्मों के बीच जंग, किसकी झोली में जाएगी 8.5 डॉलर की कंपनी!

Bain और Temasek ने पिछले हफ्ते नॉन-बाइंडिंग ऑफर पेश किया। इसके लिए हल्दीराम की वैल्यू 8-8.5 अरब डॉलर लगाई गई। इससे इंडिया के स्नैक्स और कनवेनिएंस फूड मार्केट में Haldiram की दमदार स्थिति का पता चलता है

अपडेटेड May 16, 2024 पर 9:55 PM
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अगर हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड की यह डील होती है तो यह इंडिया में प्राइवेट इक्विटी फर्मों की तरफ से किया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा।

हल्दीराम 87 साल के होने पर हॉट कंपनी बन गई है। इस फूड और स्नैक्स की ओनरशिप के लिए जबर्दस्त जंग दिख रही है। एक तरफ ब्लैकस्टोन की अगुवाई वाला कंसोर्शियम हल्दीराम में नियंत्रणयोग्य हिस्सेदारी खरीदने के लिए कोशिश कर रहा है तो दूसरी ओर सिंगापुर की टेमासेक के साथ मिलकर बेन कैपिटल इसे हाथ से निकलने नहीं देना चाहती। अगर हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड की यह डील होती है तो यह इंडिया में प्राइवेट इक्विटी फर्मों की तरफ से किया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर में यह बताया गया है।

हल्दीराम की वैल्यूएशन 8-8.5 अरब डॉलर 

Bain और Temasek ने पिछले हफ्ते नॉन-बाइंडिंग ऑफर पेश किया। इसके लिए हल्दीराम की वैल्यू 8-8.5 अरब डॉलर लगाई गई। इससे इंडिया के स्नैक्स और कनवेनिएंस फूड मार्केट में Haldiram की दमदार स्थिति का पता चलता है। शुरुआत में दोनों प्राइवेट इक्विटी फर्मों ने हल्दीराम के संस्थापक परिवार से अलग-अलग बात की थी। ब्लैकस्टोन अबुधाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) और सिंगापुर की सॉवरेन वेल्थ फंड जीआईसी (GIC) के साथ मिलकर हल्दीराम में 76 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करना चाहती है।


अग्रवाल फैमिली बेचना चाहती है मेजॉरिटी स्टेक

पिछले कुछ महीनों से बेन की अग्रवाल फैमिली के साथ बात चल रही थी। अग्रवाल फैमिली हल्दीराम को चलाती है। शुरुआती चर्चा में कंपनी में मायनॉरिटी हिस्सेदारी को लेकर बातचीत चल रही थी। हालांकि, अब अग्रवाल फैमिली हल्दीराम में नियंत्रण योग्य हिस्सेदारी बेचना चाहती है। उसने एक रीस्ट्रक्चरिंग प्लान तैयार किया है। इस प्लान में स्नैक्स बिजनेस को मर्ज करने का प्लान है। रेस्टॉरेंट बिजनेस को कंपनी अलग करेगी। अग्रवाल फैमिली यह बिजनेस अपने पास रखना चाहती है।

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मर्जर प्लान को मिल चुका है NCLT का एप्रूवल

नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) मर्जर प्लान को एप्रूवल दे चुका है। इसके मुताबिक, अगले कुछ महीनों में मर्जर को अंजाम देना होगा। कॉम्पटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने भी मर्जन प्लान को मंजूरी दे दी है। हल्दीराम के लिए बोली लगाने के लिए बेन और टेमासेक पहली बार इंडिया में साथ आए हैं। उधर, केके चुटानी के हल्दीराम के चीफ एग्जिक्यूटिव बनने के बाद ऐसा लगता है कि कंपनी अपने मैनेजमेंट को प्रोफेशनल स्वरूप देना चाहती है। चुटानी डाबर इंटरनेशनल में रह चुके हैं।

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