Credit Cards

Wintrack Inc का चेन्नई कस्टम्स पर रिश्वत मांगने का आरोप, बंद किया इंपोर्ट-एक्सपोर्ट बिजनेस; सरकार ने दिए जांच के आदेश

तमिलनाडु की कंपनी Wintrack Inc ने कस्टम अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। उसने 1 अक्टूबर से अपना इंपोर्ट-एक्सपोर्ट बिजनेस बंद कर दिया। कस्टम विभाग ने आरोपों को झूठा बताते हुए खारिज किया है। वित्त मंत्रालय ने मामले की पूरी जांच के आदेश दिए हैं। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Oct 02, 2025 पर 8:11 PM
Story continues below Advertisement
Wintrack Inc ने 1 अक्टूबर 2025 से भारत में अपना सारा इंपोर्ट-एक्सपोर्ट बिजनेस बंद करने की घोषणा की।

वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को चेन्नई की इंपोर्ट-एक्सपोर्ट कंपनी Wintrack Inc के आरोपों पर औपचारिक जांच शुरू कर दी है। Wintrack ने कस्टम अधिकारियों पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। मंत्रालय ने राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को इस मामले की पूरी जांच करने का जिम्मा दिया है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, राजस्व विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह Wintrack Inc. की शिकायतों पर निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्यों पर आधारित जांच करे। वरिष्ठ अधिकारी सभी पक्षों और अधिकारियों की सुनवाई करेंगे और संबंधित दस्तावेजों की बारीकी से जांच करेंगे।

वित्त मंत्रालय ने कहा, 'मामले को पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है। सरकार कानून के मुताबिक उचित और जल्द कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।' मंत्रालय ने दोहराया कि सरकार Ease of Doing Business यानी कारोबार को आसान बनाने के लिए लगातार कदम उठा रही है।


Wintrack Inc के आरोप क्या हैं?

यह पूरा उस समय शुरू हुआ, जब Wintrack Inc ने 1 अक्टूबर 2025 से भारत में अपना सारा इंपोर्ट-एक्सपोर्ट बिजनेस बंद करने की घोषणा की। कंपनी का कहना है कि उसे चेन्नई कस्टम अधिकारियों की ओर से लगातार परेशान किया जा रहा था।

तमिलनाडु की यह कंपनी चीन और थाईलैंड की ई-कॉमर्स साइट्स से सामान मंगाकर भारत में ग्राहकों तक डोरस्टेप डिलीवरी देती है। कंपनी का दावा है कि इस साल उसने दो बार रिश्वतखोरी उजागर की थी, जिसके बाद अधिकारियों ने उसके खिलाफ बदले की कार्रवाई की।

कस्टम विभाग पर रिश्वत का आरोप

Wintrack के फाउंडर प्रवीण गणेशन ने आरोप लगाया कि स्पेशल इंटेलिजेंस एंड इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (SIIB) के अधिकारियों ने उनकी पत्नी की कंपनी से $6,993 (करीब ₹5.8 लाख) की शिपमेंट पर ₹2.1 लाख से ज्यादा की रिश्वत ली। गणेशन का कहना है कि अधिकारियों ने मोलभाव के दौरान '10% डिस्काउंट' देने की पेशकश भी की।

उन्होंने कुछ अफसरों के नाम भी लिए। इनमें SIIB अशीष नेहरा विटल, EO बांदी नरियप्पा और AO ज्ञानेद्र पांडे शामिल हैं। गणेशन ने यह भी दावा किया कि मुंबई के एक फेसलेस असेसमेंट अफसर ने ₹50,000 लिए। उन्होंने इस बारे में कुछ ट्रांजैक्शन और चैट स्क्रीनशॉट भी एक्स (पहले ट्विटर) पर साझा किए हैं।

चेन्नई कस्टम्स का जवाब

हालांकि, चेन्नई कस्टम्स ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उनका कहना है कि यह इंपोर्टर लगातार बिना सबूत के भ्रष्टाचार के आरोप लगाता रहा है।

विवाद की जड़ आठ अनडिक्लेयर्ड बॉक्स हैं, जिनमें रीचार्जेबल बैटरी वाले USB केबल्स थे। इन्हें आयात करने के लिए सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से सर्टिफिकेशन जरूरी है। चेन्नई कस्टम्स ने कहा कि 29 अगस्त 2025 को क्वेरी भेजने, 8 सितंबर 2025 को पर्सनल हियरिंग और 29 सितंबर 2025 को दोबारा नोटिस देने के बावजूद कंपनी ने EPR सर्टिफिकेट नहीं दिया।

कस्टम्स के मुताबिक, 'इसके बजाय इंपोर्टर ने गलत दस्तावेज (ई-वेस्ट अंडरटेकिंग) जमा किए और MSME छूट, फिनिश्ड प्रोडक्ट छूट और लो बैटरी कैपेसिटी छूट जैसी कानूनी रूप से गलत दलीलें दीं, जबकि बैटरी वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2022 में ऐसी कोई छूट नहीं है।'

सोशल मीडिया पर बहस

इस विवाद ने सोशल मीडिया पर बड़ी बहस छेड़ दी है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे 'बेहद निराशाजनक' बताया। उन्होंने कहा कि सिस्टम में अब भी भ्रष्टाचार गहराई तक फैला है और ज्यादातर कंपनियां इसे 'प्राइस ऑफ डूइंग बिजनेस' मानकर चुपचाप झेलती हैं।

Aarin Capital के चेयरमैन और Infosys के पूर्व CFO मोहनदास पाई ने भी आवाज उठाई। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखा: 'कृपया हमारे उद्यमियों की परेशानियों को देखें। इसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दखल की जरूरत है ताकि इस भ्रष्टाचार को रोका जा सके। साथ ही, ऐसे नियम हटाए जाएं, जो इस तरह का भ्रष्टाचार करने की पावर देते हैं।'

सरकार का क्या रुख है?

वित्त मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ साल में सरकार ने कई टैक्सपेयर-फ्रेंडली कदम उठाए हैं, जैसे Taxpayer Charter की शुरुआत, Faceless Customs Procedures लागू करना और विवाद निपटाने के लिए अपीलीय संस्थाओं की स्थापना। इनका मकसद पारदर्शिता बढ़ाना और कारोबार को आसान बनाना है।

यह भी पढें : Stocks in Focus: इन आईटी स्टॉक्स पर अभी से रखें नजर, सितंबर तिमाही के नतीजे आ सकते हैं दमदार

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।