बोरोसिल ग्रुप (Borosil Group) को अगले चार साल में अपना रेवेन्यू दोगुना यानी 7000 करोड़ रुपये पर पहुंचने की उम्मीद है। यह कंपनी कांच के प्रोडक्ट्स, लेबोरेटरी इक्विपमेंट और सोलर ग्लास बनाती है। बोरोसिल के एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन श्रीवर खेरुका ने कहा कि कंपनी के सभी बिजनेस वर्टिकल में डबल डिजिट ग्रोथ के कारण कुल रेवेन्यू बढ़ेगा। बीते शुक्रवार को बोरोसिल लिमिटेड के शेयरों में 0.65 फीसदी की तेजी देखी गई और यह स्टॉक BSE पर 443.85 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। कंपनी का मार्केट कैप 5,300 करोड़ रुपये है।
Borosil Group की निवेश की है योजना
खेरुका फैमिली द्वारा प्रमोटेड बोरोसिल ग्रुप को वित्त वर्ष 2024-25 में करीब 3500 करोड़ रुपये के रेवेन्यू तक पहुंचने की उम्मीद है। ग्रुप तीन लिस्टेड एंटिटी – बोरोसिल लिमिटेड, बोरोसिल रिन्यूएबल्स लिमिटेड और बोरोसिल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के तहत कारोबार करता है।
खेरुका ने कहा कि ग्रुप डिमांड को पूरा करने के लिए विस्तार और क्षमता वृद्धि के लिए 250 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है, जिसमें कंपनी बोरोसिल लिमिटेड के लिए गुजरात में एक नए प्लांट पर लगभग 150 करोड़ रुपये निवेश करने का इरादा रखती है, जो ग्लासवेयर और कुकवेयर जैसे प्रोडक्ट्स के कारोबार में है।
बोरोसिल ने अपनी जयपुर यूनिट में प्रोडक्शन कैपिसिटी बढ़ाने के लिए पहले ही 450 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनी अब इसमें 100 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रही है। खेरुका ने कहा कि बोरोसिल ने अतीत में कुछ अधिग्रहण किए थे और आगे भी ऐसे अवसरों के लिए तैयार है।
2020 में Borosil ने किया था 950 करोड़ का निवेश
खेरुका ने कहा, "2020 में बोरोसिल ने अपनी तीनों कंपनियों के लिए लगभग 950 करोड़ रुपये का निवेश किया था और 2025 में यह नंबर लगभग 3500 करोड़ रुपये होगी। इसलिए, पिछले पांच वर्षों में, हमने लगभग 3.5-4 गुना वृद्धि की है, जो एक अच्छा प्रदर्शन रहा है।"
31 मार्च 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष में बोरोसिल लिमिटेड ने 942.25 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया, जबकि बोरोसिल रिन्यूएबल्स का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 1369.28 करोड़ रुपये था। बोरोसिल साइंटिफिक, जिसे बोरोसिल लिमिटेड से अलग होने के बाद इस साल जून में लिस्ट किया गया था, का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू वित्त वर्ष 24 में 394.57 करोड़ रुपये था।
बोरोसिल लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर खेरुका को ग्लासवेयर बिजनेस में अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं। शहरी मध्यम वर्ग धीरे-धीरे प्लास्टिक के बर्तनों से दूर जा रहा है, क्योंकि इकोनॉमी के विकास के साथ डिस्पोजेबल इनकम में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा, "हमें 150-200 करोड़ रुपये की लागत से एक और बोरोसिल ग्लास टैंक लगाना है। यह एक और निवेश योजना है।" उन्होंने आगे कहा, "हमने जो एक और निवेश की योजना बनाई है, वह वास्तव में ग्लास में नहीं, बल्कि स्टील में है।" उन्होंने कहा कि अब प्लास्टिक की बोतलों की जगह इंसुलेटेड स्टील की बोतलें ले रही हैं।