हॉस्पैटिलिटी सेक्टर इस बजट में अपने लिए इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस चाहता है। इससे होटलों के लिए नई प्रॉपर्टीज में निवेश करना ज्यादा आकर्षक होगा। होटल इंडस्ट्री के खिलाड़ियों को लगता है कि यह इंडस्ट्री भारत की ग्रोथ में अहम भूमिका निभा सकती है। इस सेक्टर की मांग है कि उसे टैक्स ब्रेक या सब्सिडी के तौर पर इंसेंटिव मिले, ताकि यहां पर्यावरण के अनुकूल प्रचलन को बढ़ावा मिल सके।
हॉस्पैटिलिटी सेक्टर का यह भी कहना है कि आने वाले बजट में टूरिज्म एजेंडा पर काम तेज करने की जरूरत है, क्योंकि इसमें भारतीय हॉस्पैटिलिटी को जीडीपी ग्रोथ और रोजगार सृजन का नया इंजन बनने की संभावना है। उन्होंने कहा, 'यह सेक्टर ऊंचे टैक्स, महंगे और तरह-तरह के लाइसेंस, मंजूरी और कंप्लायंस जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है। होटलों में बड़ी पूंजी की जरूरत होती है। होटलों को चलाने की कॉस्ट भी ज्यादा होती है।'
इन वजहों से होटलों में निवेश काफी जोखिमपूर्ण है। होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (HAI) के प्रेसिडेंट के. बी. काचरू ने बताया कि निवेश को ज्यादा आकर्षक बनाने के साथ-साथ ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को बढ़ावा देने की जरूरत है। उनका यह भी कहना था कि आगामी बजट भारतीय हॉस्पिटैलिटी की संभावनाओं के लिए अवसर उपलब्ध करा सकता है। उनके मुताबिक, होटलों को लग्जरी, एलीट आदि कैटेगरी देने के बजाय इस सेक्टर के लिए पॉलिसी में अहम बदलाव करना बेहतर कदम होगा।
काचरू ने बताया कि होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की मांग है कि केंद्र सरकार होटल इंडस्ट्री को इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा, 'इससे होटलों को कम ब्याज दर पर फाइनेंस की सुविधा मिलेगी और इस तरह निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा।'