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Budget 2022: क्या इस बार का बजट किसानों के मौजूदा असंतोष को कम कर पायेगा

इस बार वित्तमंत्री निर्मला सीतारम के सामने बड़ी चुनौती किसानों में मौजूदा सरकार को लेकर बनी नकारात्मक छवि सुधारने की होगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 15, 2022 पर 11:07 AM
Budget 2022: क्या इस बार का बजट किसानों के मौजूदा असंतोष को कम कर पायेगा
इस बार के बजट की परीक्षा इस बात से होनी है कि उसमें किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए क्या उपाय किये गये

कहते हैं, जिस तरफ सूरज होता है, सूरजमुखी के फूल भी उसी तरफ होते हैं। इसी तर्ज पर कह सकते हैं कि इस बार के बजट को चुनावमुखी होना है। मतलब, केंद्रीय बजट में ऐसा लोक-लुभावन बहुत कुछ होना है, जिसे इस साल अप्रैल के पहले पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा के चुनावों में भुनाया जा सके।

अगर कोविड की तीसरी लहर के मद्देनजर चुनाव आयोग ने कोई अप्रत्याशित फैसला ना लिया तो फिर माना जा सकता है कि अप्रैल की शुरुआत तक देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव समाप्त हो जायेंगे। ये चुनाव जिन पांच राज्यों (गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड) में होने वाले हैं उनमें सिर्फ एक (पंजाब) को छोड़कर बाकी सबही में केंद्र में कायम सत्ताधारी गठबंधन के अगुआ दल बीजेपी या फिर उसके समर्थन वाले दल की सरकार है।

फिर इन राज्यों में वह उत्तरप्रदेश भी शामिल है, जहां मिली सीटों के दम पर देश की संसद में बीजेपी की बहुमत का सिक्का जमा हुआ है । यों चुनावों की तिथि घोषित नहीं हुई है फिर भी ये बात तो तय है कि बजट को इन पांच प्रदेशों में होने वाले चुनावों के पहले(1ली फरवरी) पेश होना है। ऐसे में, सरकार जरुर चाहेगी कि बजट से उसकी छवि कुछ ऐसी बने कि पांच राज्यों के विधानसभाई चुनावों में वह कह सके — `हम सबका विकास कर रहे हैं और इसी नाते अपने वोटों की झोली में सबका साथ चाहते हैं।`

वोटों की झोली और किसानों का साथः बरास्ते यूपी

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