Budget 2022 : एसोचैम ने NBFC के लिए की स्थायी रिफाइनेंस विंडो बनाने की वकालत

पिछले कुछ वर्षों में एनबीएफसी सेक्टर ने एक्सटर्नल फैक्टर्स के चलते लिक्विडिटी की कमी का सामना किया है, ऐसे में उचित कीमत कर्ज लेने की उनकी क्षमता प्रभावित हुई है

अपडेटेड Jan 09, 2022 पर 5:02 PM
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एसोचैम ने प्री-बजट मेमोरैंडम के जरिये एनबीएफसी सेक्टर के लिए कीं कई सिफारिशें

Industry body Assocham :  इंडस्ट्री बॉडी एसोचैम ने आगामी बजट (Union Budget) में एनबीएफसी सेक्टर के लिए एक रिफाइनेंस विंडो बनाने और नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनीज को बैंकों की लेंडिंग को स्थायी रूप से प्रायोरिटी सेक्टर में लाने की सिफारिश की है।

एसोचैम ने प्री-बजट मेमोरैंडम के जरिये सरकार को भेजीं अपनी सिफारिशों में कहा कि नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज (NBFCs) को फंडिंग सपोर्ट से सेक्टर के लिए लिक्विडिटी सुनिश्चित होगी, क्योंकि वे फाइनेंसियल इनक्लूजन में अहम भूमिका निभाते हैं और बैंकिंग सुविधाओं से वंचित लोगों को सस्ती फाइनेंसियल सर्विसेज उपलब्ध कराते हैं।

लिक्विडिटी की कमी से क्षमता प्रभावित


इंडस्ट्री बॉडी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में एनबीएफसी सेक्टर ने एक्सटर्नल फैक्टर्स के चलते लिक्विडिटी की कमी का सामना किया है। ऐसे में वाजिब कीमत कर्ज लेने की उनकी क्षमता प्रभावित हुई है।

एसोचैम ने कहा, “नेशनल हाउसिंग बैंक (जो होम फाइनेंस कंपनियों या एचएफसी को रिफाइनेंस करता है) की तर्ज पर एनबीएफसी के लिए सीधे सेंट्रल बैंक से रिफाइनेंस व्यवस्था की लंबे समय से मांग की जा रही है। फाइनेंस संबंधी संसद की स्थायी समिति ने जून, 2003 में एनबीएफसी के लिए एक नए रिफाइनेंस इंस्ट्यूशन के गठन की सिफारिश की थी।”

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एनबीएफसी को प्रायोरिटी लेंडिंग स्थायी हो

कोविड-19 महामारी ने ग्रामीण बैंकिंग सुविधाओं की कमी वाले क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव के चलते आरबीआई ने बैंकों द्वारा एनबीएफसी को कृषि, एमएसएमई और हाउसिंग को आगे उधार देने के लिए प्रायोरिटी सेक्टर लोन देना अनिवार्य कर दिया था। यह विंडो 30 सितंबर, 2021 तक खुली रही थी। इंडस्ट्री बॉडी ने सुझाव दिया कि बैंकों की प्रायोरिटी सेक्टर के तहत एनबीएफसी को लेंडिंग स्थायी की जानी चाहिए।

एनबीएफसी की फाइनेंसियल इनक्लूजन में अहम भूमिका

मेमोरैंडम में कहा गया कि एनबीएफसी फाइनेंसियल इनक्लूजन में अहम भूमिका निभाती हैं और बैंकिंग सुविधाओं से वंचित लोगों को किफायती सेवाएं उपलब्ध कराती हैं, इसीलिए हमने बैंकों की कुल प्रायोरिटी सेक्टर की लेंडिंग की 10 फीसदी लिमिट के साथ यह विंडो उपलब्ध कराने का सुझाव दिया है। इंडस्ट्री बॉडी ने कहा कि इससे पीएसएल इनीशिएटिव की पहुंच बढ़ जाएगी।

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एसोचैम ने कीं ये सिफारिश भी

इसके अलावा,  एसोचैम ने सरकार से एनबीएफसी के लिए एक अल्टरनेट इनवेस्टमेंट फंड स्थापित करने, सिक्योर बॉन्ड जारी करना, बैंकों पर अधिक निर्भरता को कम करने के लिए फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशंस के साथ एक रेमिटेंस मैकनिज्म की स्थापना करने की सिफारिश भी की है।

MoneyControl News

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First Published: Jan 09, 2022 4:54 PM

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