Union Budget 2023: सरकार ने आम आदमी के लिए हवाई यात्रा आसान बनाने के वास्ते 'उड़े देश का आम नागरिक' (UDAN) स्कीम की शुरुआत की थी। यूनियन बजट 2023 में इस स्कीम के लिए आवंटन करीब 17 फीसदी घट सकता है। सीनियर अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि अगले फाइनेंशियल ईयर के उडान स्कीम के लिए आवंटन घटकर 500-550 करोड़ रुपये रह सकता है। पिछले दो-फाइनेंशिल ईयर में सरकार ने इस स्कीम के लिए 600-600 करोड़ रुपये के ऐलान किए थे। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी। इसमें सरकार कैपिटल एक्सपेंडिचर पर फोकस बनाए रखेगी।
AAI के अधिकारी ने बताया, "सरकार उड़ान स्कीम को आर्थिक रूप से व्यावहारिक बनाना चाहती है। वह कुछ ऐसे रूट्स को भी इस स्कीम के तहत लाना चाहती है, जो फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इन्हें बगैर किसी रियायत का अनुदान के ऑपरेट किया जा सकता है।" इससे स्कीम को लेकर सरकार पर वित्तीय दबाव घटेगा। UDAN स्कीम की शुरुआत अक्टूबर 2016 में हुई थी। इस स्कीम में लॉस वाले रूट्स पर सेवाएं देने वाली एयरलाइंस के लॉस की भरपाई सरकार करती है।
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इस फाइनेंशियल ईयर (2022-23) के बजट में सरकार ने सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के लिए 10,667 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। इसमें से 600.7 करोड़ रुपये का आवंटन उडान स्कीम के लिए था। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के बजट में इस स्कीम के लिए 600 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। लेकिन, वास्तविक खर्च 994 करोड़ रुपये था। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में जेट फ्यूल की ऊंची कीमतों, एविएशन सप्लाई चेन में बाधा और घरेलू एयरलाइंस कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति का असर उडान स्कीम पर पड़ा है।
अधिकारियों ने बताया कि 30 नवंबर तक इस फाइनेंशियल ईयर (2022-23) में उड़ान स्कीम के तहत हवाई यात्रा करने वाले लोगों की संख्या घटकर करीब 18 लाख रह गई है। यह फाइनेंशियल ईयर 2021-22 की समान अवधि के मुकाबले 22 फीसदी कम है। फाइनेंशियल छईयर 2019-20 के मुकाबले यह करीब 15 फीसदी कम है। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में उड़ान स्कीम के तहत करीब 33 लाख लोगों ने हवाई यात्रा की थी।