Budget 2023: फंड स्विच करने के कैपिटल गेंस के नियमों में बदलाव करने से इनवेस्टर्स को होगा फायदा

union budget 2023: म्यूचुअल फंड की किसी स्कीम में एक ऑप्शन से दूसरे ऑप्शन में इनवेस्टमेंट को स्विच करने पर कैपिटल गेंस का नियम लागू नहीं होना चाहिए। म्यूचुअल फंड हाउसेज लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं। अगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस नियम में बदलाव का ऐलान करती हैं तो इससे इनवेस्टर्स को फायदा होगा

अपडेटेड Dec 27, 2022 पर 10:49 PM
Story continues below Advertisement
म्यूचुअल फंड्स इंडस्ट्री का AUM नवंबर 2012 में 7.9 लाख करोड़ रुपये था। यह अगस्त 2017 में 20 लाख करोड़ रुपये हो गया। नवंबर 2022 में यह 40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है।

Budget 2003: सरकार को म्यूचुअल फंड्स में निवेश से जुड़े टैक्स के नियमों की कमियां दूर करने की जरूरत है। इससे म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी। उम्मीद है कि वह टैक्स के नियमों को आसान बनाने का ऐलान करेंगी। म्यूचुअल फंड्स हाउसेज लंबे समय से कुछ नियमों की कमियां दूर करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि एक ही एसेट क्लास के अंदर एक ऑप्शन से दूसरे ऑप्शन में इनवेस्टमेंट के ट्रांसफर पर कैपिटल गेंस का नियम लागू नहीं होना चाहिए। अगर सरकार एक ऑप्शन से दूसरे में स्विच करने से जुड़े कैपिटल गेंस के नियमों में बदलाव करती है तो इससे रिटेल इनवेस्टर्स को बहुत फायदा होगा।

एक ऑप्शन से दूसरे में स्विचिंग का मतलब क्या है?

म्यूचुअल फंड्स हाउसेज इनवेस्टर्स के लिए कई तरह की स्कीमें पेश करते हैं। एक ही स्कीम में भी निवेश के लिए कई ऑप्शन होते हैं। उदाहरण के लिए हर इक्विटी स्कीम में ग्रोथ और डिविडेंड का ऑप्शन होता है। ऑनलाइन इनवेस्टमेंट की सुविधा शुरू होने के बाद इनवेस्टर्स के लिए डायरेक्ट स्कीम में निवेश का विकल्प भी उपलब्ध हो गया है। कई बार इनवेस्टर के लिए एक प्लान से दूसरे प्लान में स्विच करना जरूरी हो जाता है। कई बार डिविडेंड से ग्रोथ ऑप्शन में स्विच करना उसे फायदेमंद लगता है। कुछ इनवेस्टर्स डायरेक्ट प्लान से रेगुलर प्लान में स्विच करना चाहते हैं।


यह भी पढ़ें : Union Budget 2023: ग्रोथ और रिफॉर्म्स पर निर्मला सीतारमण का फोकस बना रहेगा, LIC MF के अमित नाडेकर ने जताई उम्मीद

अभी कैपिटल गेंस का क्या नियम है?

अभी एक ही स्कीम के अंदर एक प्लान से दूसरे प्लान या एक ऑप्शन से दूसरे ऑप्शन में स्विच करने पर कैपिटल गेंस का नियम लागू होता है। इसका मतलब है कि इनवेस्टर को अपने निवेश पर हुए मुनाफे पर टैक्स चुकाना पड़ता है। टैक्स की वजह से उसका नेट रिटर्न घट जाता है। इस वजह से कई इनवेस्टर्स जरूरी होने के बावजूद स्विच करने का फैसला लेने से बचते हैं। एक प्लान से दूसरे प्लान या एक ऑप्शन से दूसरे ऑप्शन में स्विच को कैपिटस गेंस टैक्स के दायरे से बाहर करने की जरूरत है। इससे इनवेस्टर्स जरूरत पड़ने पर बगैर झिझक स्विचिंग का फैसला ले सकेंगे। इससे बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स को फायदा होगा।

बजट की खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

अभी जो नियम है, उसके मुताबिक म्यूचुअल फंड की एक स्कीम के प्लान/ऑप्शन को बदलने पर इनकम टैक्स ऐक्ट 1961 के सेक्शन 47 के तहत 'ट्रांसफर' माना जाता है। इस वजह से इस पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है। यह नियम ठीक नहीं है। दरअसल, कैपिटल गेंस तब लागू होना चाहिए, जब इनवेस्टर्स के किसी स्कीम की यूनिट्स को बेचने पर पैसे उसके बैंक अकाउंट में आए। एक प्लान से दूसरे प्लान या एक ऑप्शन से दूसरे ऑप्शन में इनवेस्टमेंट को स्विच करने पर इनवेस्टर्स के बैंक अकाउंट में कोई पैसा नहीं आता है।

यूलिप के मामले में नियम क्या है?

जब म्यूचुअल फंड की दो स्कीमों का विलय किया जाता है तो इनवेस्टर्स की यूनिट्स का ट्रांसफर एक स्कीम से दूसरी स्कीम में होता है। लेकिन, इसे यूनिट्स का ट्रांसफर नहीं माना जाता है। इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 के सेक्शन47 (18 ) और 47 (19) के अनुसार इसे 'ट्रांसफर' नहीं माना जाता है। इस वजह से इस पर कैपिटल गेंस का नियम लागू नहीं होता है। इसी तरह बीमा कंपनियों की यूलिप-स्कीम में निवेशक अपना प्लान (ग्रोथ/डिविडेन्ड तथा डायरेक्ट/रेगुलर) बदलता है, तो इनकम टैक्स ऐक्ट 1961 के अनुसार इसे “ट्रांसफर” नहीं माना जाता है। इस वजह से यह कैपिटल गेंस टैक्स के दायरे में नहीं आता है।

(पारिजात सिन्हा आर्थिक मामलों के जानकार हैं। वह कई फाइनेंशियल कंपनियों में उच्च पदों पर रह चुके हैं।)

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।