Budget 2023-24 : वित्तमंत्रीजी सुरक्षित निवेश के विकल्प बहुत सीमित रह गए हैं, प्लीज PPF की टैक्स डिडक्शन लिमिट बढ़ाकर 3 लाख कीजिए

Budget 2023-24: सुरक्षित निवेश के विकल्पों में PPF का इंटरेस्ट रेट सबसे ज्यादा है। बैंक एफडी का इंटरेस्ट रेट घटने से पीपीएफ का अट्रैक्शन बढ़ गया है। अभी इसमें सालाना 1.5 लाख रुपये तक इनवेस्टमेंट कर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसे बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की जरूरत है

अपडेटेड Jan 20, 2023 पर 12:40 PM
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Budget 2023: PPF में लॉक-इन पीरियड 15 साल है। इसमें सालाना 1.5 लाख रुपए तक निवेश कर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है।

बजट 2023 : फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण यूनियन बजट में लोगों को इनवेस्टमेंट के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बड़े ऐलान कर सकती हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्तमंत्री को Public Provident Fund (PPF) में टैक्स डिडक्शन के लिए इनवेस्टमेंट की लिमिट बढ़ाकर सालाना 3 लाख रुपये करना चाहिए। अभी पीपीएफ इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत आता है। इस सेक्शन में शामिल इनवेस्टमेंट के विकल्पों में सालाना 1.5 लाख रुपये निवेश कर टैक्स डिडक्शन का लाभ उठाया जा सकता है। इस सेक्शन में इनवेस्टमेंट के करीब एक दर्जन विकल्प शामिल है। कोई टेक्सपेयर्स किसी एक विकल्प या एक से ज्यादा विकल्प में मैक्सिम 1.5 लाख रुपये इनवेस्ट कर टैक्स डिडक्शन का दावा कर सकता है।

सुरक्षित निवेश के विकल्पों में लोगों की पहली पसंद है PPF

एक्सपर्ट्स का कहना है कि आज भी पीपीएफ इनवेस्टमेंट और सेविंग्स के सबसे पसंदीदा विकल्पों में से एक है। कई लोग इसे दूसरे विकल्पों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित मानते हैं। इसका इंटरेस्ट रेट भी फिक्स्ड रिटर्न वाले दूसरे विकल्पों के मुकाबले अट्रैक्टिव है। कई लोग रिटायरमेंट प्लानिंग के मकसद से इसमें निवेश करते हैं। टैक्स के मामले में इसे एग्जेम्प्ट-एग्जेम्प्ट-एग्जेम्प्ट का दर्जा भी हासिल है। इसका मतलब है कि पीपीएफ में कंट्रिब्यूशन, इंटरेस्ट से लेकर मैच्योरिटी तक किसी भी स्टेज पर टैक्स नहीं लगता है।


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नौकरीपेशा से लेकर सेल्फ-एप्लॉयड लोग करते हैं निवेश

Institute of Chartered Accountants of India (ICAI) ने कहा है कि पीपीएफ में इनवेस्टमेंट की लिमिट बढ़ाने की जरूरत है। इससे लोगों को निवेश के लिए प्रेरित करने में मदद मिलेगी। अभी जीडीपी में कुल निवेश की हिस्सेदारी कम है। इसे बढ़ाने की जरूरत है। आईसीएआई ने यह भी कहा है कि पीपीएफ निवेश का ऐसा विकल्प है, जिसमें नौकरीपेशा लोगों से लेकर सेल्फ-एंप्लॉयड लोग तक करते हैं।

Deloitte की पार्टनर ताप्ती घोष ने कहा, "पिछले कुछ सालों में इनफ्लेशन बढ़ा है। इससे लोगों की कॉस्ट ऑफ लिविंग बढ़ी है। इसे ध्यान में रख सरकार को टैक्स डिडक्शन के लिहाज से पीपीएफ में इनवेस्टमेंट की लिमिट बढ़ाकर कम से कम 2.5 लाख रुपये करने की जरूरत है। इससे एक तरफ जहां लोगों को सेविंग्स बढ़ाने में मदद मिलेगी तो दूसरी तरफ उनकी टैक्स लायबिलिटी भी घटेगी।"

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अभी इंटरेस्ट रेट 7.1% है, जो बैंक एफडी से ज्यादा है

PPF में लॉक-इन पीरियड 15 साल है। इसमें सालाना 1.5 लाख रुपए तक निवेश कर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। सरकार हर तिमाही पीपीएफ के इंटरेस्ट रेट की समीक्षा करती है। पिछली बार सरकार ने कई लघु बचत योजनाओं के इंटरेस्ट बढ़ाए थे। लेकिन, पीपीएफ के इंटरेस्ट रेट में बदलाव नहीं किया था। अभी पीपीएफ का इंटरेस्ट रेट सालाना 7.1 फीसदी है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Jan 20, 2023 12:29 PM

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