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Budget 2023 : जानिए इस बार बजट बनाने वाली फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण की टीम के बारे में सबकुछ

Union budget 2023: फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण और नॉर्थ ब्लॉक के उनके अधिकारियों के सामने ग्रोथ बढ़ाने और इनफ्लेशन को काबू में करने की चुनौती है। उन्हें आम चुनाव से ठीक पहले के साल में बाहरी रिस्क से निपटने के उपाय भी तलाशने होंगे। इससे पहले वे कोरोना की महामारी से पैदा हुए मुश्किल हालात का सामना कर चुके हैं

अपडेटेड Jan 06, 2023 पर 1:48 PM
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यह 2024 के लोकसभा चुनावों के पहले सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। यह बजट ऐसे वक्त आ रहा है, जब घरेलू इकोनॉमी की सेहत अच्छी है। इंडिया जी20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी है।

Budget 2023 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 1 फरवरी, 2023 को यूनियन बजट (Union Budget) पेश करेगी, जो 2024 के लोकसभा चुनावों के पहले केंद्र सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। यह बजट ऐसे वक्त आ रहा है, जब घरेलू इकोनॉमी की सेहत अच्छी है। इंडिया जी20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी है। इनफ्लेशन में कमी आ रही है। इससे इंटरेस्ट रेट में वृद्धि पर आरबीआई के ब्रेक लगाने की उम्मीद है।

हालांकि, ग्लोबल इकोनॉमी की तस्वीर अच्छी नहीं है। पश्चिमी देशों और चीन में ग्रोथ सुस्त पड़ रही है। जियोपॉलिटिकल अनिश्चितताएं 2023 में भी बने रहने की आशंका है। इसका असर निवेशकों के सेंटिमेंट पर पड़ सकता है। इंडिया का एक्सटर्नल बैलेंस ऑफ ट्रेड भी बिगड़ सकता है।

जानिए बजट 2023-24 को तैयार करने वाली टीम के बारे में :


निर्मला सीतारमण

nirmala sitharaman 2023-2024

सीतारमण अपना चौथा बजट 1 फरवरी को पेश करेंगी। उन्होंने पिछले दो मुश्किल सालों के दौरान बतौर फाइनेंस मिनिस्टर कई बड़े कदम उठाए हैं। कोरोना के असर से इकोनॉमी को बचाने के लिए कई मिनी बजट पेश किए हैं। रिफॉर्म्स और आम लोगों को राहत देने के लिए कई उपाय किए हैं।

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रक्षा और वाणिज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुकी सीतारमण के सामने उन देशों को एक विकल्प देने का मौका है, जो सप्लाई चेन के मामले में चीन पर अपनी निर्भरता घटाना चाहते हैं। पिछले कुछ सालों में सीमा पर चीन और इंडिया के बीच कई बार टकराव की स्थिति पैदा हुई है।

फाइनेंस मिनिस्टर ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। बीते सालों में उन्होंने सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक करने की कोशिश की है। अब उनके सामने इकोनॉमिक रिकवरी की रफ्तार बढ़ाने के साथ राजकोषीय घाटा कम करने और कर्ज के बोझ में कमी लाने की चुनौतियां हैं।

टीवी सोमनाथन

tv somanathan 2023

फाइनेंस सेक्रेटरी तमिलनाडु कैडर के 1987 बैच के आईएएस अफसर हैं। उन पर एक्सपेंडिचर डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी है। इससे पहले वह कंपनी मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव रह चुके हैं। 2015-207 के बीच वह प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में रह चुके हैं। सोमनाथन अपने साथियों के बीच लोकप्रिय हैं।

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सोमनाथन के नेतृत्व में वित्त मंत्रालय ने अपना पूंजीगत खर्च रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचाया है। राज्यों के स्तर पर पूंजीगत खर्च बढ़ाने के लिए उन्होंने कई नए तरीके निकाले हैं।

उन्होंने इकोनॉमिक्स में डॉक्टोरेट किया है। वह चार्टर्ड/कॉस्ट अकाटेंट के साथ एक कंपनी सेक्रेटरी भी हैं। इकोनॉमिक्स, फाइनेंस और पब्लिक पॉलिसी पर जर्नल्स और न्यूजपेपर्स में उनके 80 से ज्यादा पेपर्स और आर्टिकल्स प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने दो किताबें और कुछ चैप्टर्स भी लिखे हैं।

अजय सेठ

ajay seth 2023

आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव होने के नाते अजय सेठ की बजट तैयार करने में अहम भूमिका रही है। बजट से संबंधित सभी सलाह और सिफारिशों का विश्लेषण करने और फाइनेंशियल स्टेटमेंट को अंतिम रूप देने वाला बजट डिविजन उनके तहत आता है।

कर्नाटक कैडर के 1987 बैच के इस आईएएस अफसर पर अगले साल जी20 सेंट्रल बैंक और फाइनेंस से जुड़ी बैठकों की सह-अध्यक्षता करने की अतिरिक्त जिम्मेदारी है। मृदभाषी सेठ मैकेनिकल इंजीनियर और मैनजमेंट में पोस्टग्रेजुएट हैं।

तुहिन कांत पांडे

tuhin kant pandey 2023

डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट के सेक्रेटरी होने के नाते पांडे पर अगले फाइनेंशियल ईयर के लिए सरकार के विनिवेश कार्यक्रम को तैयार करने की जिम्मेदारी है। बीते कुछ सालों में सरकार को कई बार विनिवेश के अपने टारगेट में कमी करनी पड़ी है। इसमें कोविड की महामारी का हाथ रहा है। साथ ही विनिवेश की कुछ योजनाओं में ज्यादा समय लगा या वे पूरी नहीं हो सकीं। इसके बावजूद ओडिशा कैडर के 1987 बैच के इस आईएएस अफसर को सरकारी कंपनी एयर इंडिया को बेचने और लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन का आईपीओ पेश करने का श्रेय जाता है।

संजय मल्होत्रा

sanjay malhotra 2023

राजस्थान कैडर के 1990 बैच के आईएएस अफसर संजय मल्होत्रा को हाल में डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज से रेवेन्यू डिपार्टमें में स्थानांतरित किया गया है। बजट तैयार करने के दौरान उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती रेवेन्यू का अनुमान बहुत ज्यादा या बहुत कम नहीं तय करने की होगी। पहले बहुत कम या बहुत ज्यादा रेवेन्यू अनुमान तय करने के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री की आलोचना हो चुकी है।

मल्होत्रा सरकारी कंपनी आरईसी लिमिटेड के चेयरमैन एंव मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं। उन्हें टैक्स कलेक्शन में दिख रहे उछाल का फायदा मिलेगा। हालाकि, उनके सामने राज्यों की उम्मीदों खासकर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के कंपनसेशन से जुड़ी उम्मीदों को पूरा करने की चुनौती होगी।

विवेक जोशी

vivek joshi 2023

फाइनेंस मिनिस्ट्री के टॉप अफसरों में जोशी नया चेहरा हैं। डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज के सचिव पद पर उनकी नियुक्ति 19 अक्टूबर को हुई थी। संजय मल्होत्रा के ट्रांसफर की वजह से यह पद खाली हुआ था। मल्होत्रा को तरुण बजाज की रिटायरमेंट के बाद उनकी जगह रेवेन्यू सेक्रेटरी नियुक्त गया था।

फाइनेंशियल सर्विसेज के सेक्रेटरी की जिम्मेदारी संभालने से पहले जोशी गृह मंत्रालय में रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर थे। वह गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ भी रह चुके हैं। उन्हें नॉर्थ ब्लॉक के कामकाज करने के तरीके की अच्छी समझ है। वह नवंबर 2014 से अप्रैल 2017 तक डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर में ज्वाइंट सेक्रेटरी रह चुके हैं।

मल्होत्रा 1989 बैच के हरियाणा कैडर के आईएएस अफसर हैं। उन्होंने जेनेवा ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट से इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में एमए और पीएचडी की डिग्री ली है। उससे पहले उन्होंने रुड़की स्थित आईआईटी से मैक्निकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री ली थी। वह आईआईटी रुड़की में टेबल टेनिस टीम के हिस्सा थे।

वी अनंत नागेश्वरन

v anantha nageswaran 2023

नागेश्वरन को फाइनेंशियल ईयर 2022-23 का बजट पेश होने से कुछ ही दिन पहले चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर नियुक्त किया गया था। इसलिए इस बार न सिर्फ बजट बनाने में उनकी अहम भूमिका है बल्कि उनके नेतृत्व में 2022-23 का इकोनॉमिक सर्वे तैयार करने का काम भी चल रहा है। बजट से एक दिन पहले इसे संसद में पेश किया जाएगा।

नागेश्वरन ने मैसाचुसेट्स एमरेस्ट यूनिवर्सिटी से फाइनेंस में पीएचडी की डिग्री ली है। उन्होंने आईआईएम-अहमबदाबाद से एमबीए भी किया है। उन्होंने चार किताबें लिखी है। वह 2019-2021 के बीच प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल के पार्ट-टाइम मेंबर रह चुके हैं। उन्होंने इंडिया और सिंगापुर में मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट्स में पढ़ाया भी है। उन्हें दुनिया की कई दिग्गज कंपनियों में काम करने का 17 साल का अनुभव है। इनमें यूबीएस, क्रेडिट सुइस और जूलियस बेयर शामिल हैं।

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