Budget 2023: शेयर बाजार के निवेशकों की नजरें भी यूनियन बजट 2023 पर हैं। यह बज ऐसे समय आ रहा है, जब अमेरिकी इकोनॉमी सुस्त दिख रही है। इंग्लैंड और यूरोप पर मंदी का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में स्टॉक मार्केट के एक्सपर्ट्स का मानना है कि फाइनेंस मिनिस्टर के नए बजट में मौजूदा हालात से निपटने के उपायों पर फोकस होगा। LIC Mutual Fund के हेड (PMS and Principal Officer) अजीम अहमद का मानना है कि पिछले कुछ सालों में पॉलिसी को लेकर बड़े ऐलान बजट स्पीच से बाहर किए गए हैं। लेकिन, यह देखते हुए कि यह अप्रैल-मई 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र की मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा, इससे काफी उम्मीदें हैं।
आत्मनिर्भर भारत थीम से जुड़ी कंपनियों में निवेश के मौके
उम्मीद है कि सरकार का फोकस इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तेर तेज करने पर बना रहेगा। आत्मनिर्भर भारत भी वित्तमंत्री की प्रायरिटी में होगा। पूंजीगत खर्च बढ़ाने और मैन्युफैक्चरिंग को ग्रोथ का इंजन बनाने के लिए भी बजट में उपाय होंगे। अहमद का मानना है कि यह तय है कि अगले बजट में सरकार का फोकस ग्रोथ की रफ्तार बनाए रखने पर होगा।
रेलवे, लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरों की चमक बढ़ने की उम्मीद
पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस देने वाली फर्म ग्रीन पोर्टफोलियो के फाउंडर दिवम शर्मा का मानना है कि PLI, इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, रिन्यूएबल बनर्जी के लिए बजट में बड़े ऐलान होंगे। उनका मानना है कि जो इनवेस्टर्स बजट से जुड़ी खबरों का फायदा शेयर बाजार में उठाना चाहते हैं, उन्हें 'buy on Rumour and sell on news' की रणनीति अपनानी चाहिए। इसके अलावा उन सेक्टर पर भी नजर रखनी चाहिए, जिनके लिए बजट में आवंटन बढ़ाया जा सकता है। इनमें रेलवे, इंफ्रास्ट्रक्चर और डिसइनवेस्टमेंट शामिल हैं।
रोड सेक्टर के लिए आवंटन 30 फीसदी बढ़ सकता है
एनालिस्ट्स का कहना है कि पिछले कई सालों से इंफ्रास्ट्रक्चर पर बजट का फोकस रहा है। शर्मा ने कहा कि हमें PLI, मेगा पार्क्स और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस के साथ ही सप्लाई चेन को बेहतर बनाने पर वित्त मंत्री का जोर दिख सकता है। मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस बढ़ाने का प्लान बनाया है। इसके लिए रोड सेक्टर के लिए आवंटन 30 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। इससे रोजाना 50 किलोमीटर से ज्यादा हाईवे का निर्माण किया जा सकेगा। इसके अलावा वेयरहाउसिंग, कार्गो और शिपिंग कंपनियों में भी निवेश से अच्छा कमाने के मौके हो सकते हैं।
डिफेंस कंपनियों के लिए बढ़ेंगे कमाई के मौकें
सरकार डिफेंस इक्विपमेंट का उत्पादन देश में करने पर जोर दे रही हैं। ऐसे में डिफेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों की चमक बढ़ने की उम्मीद है। इनवेस्टर्स डिसइनवेस्टमेंट की खबरों का फायदा उठाने के लिए सरकारी कंपनियों के शेयरों पर दांव लगा सकते हैं। उम्मीद है कि वित्त मंत्री अगले फाइनेंशियल ईयर में डिसइनवेस्टमेंट का टारगेट बढ़ाएंगी। सरकार विनिवेश से 62,000 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। उसे सरकारी कंपनियों से डिविडेंड के रूप में 32,000 करोड़ रुपये मिले हैं।
विनिवेश वाली कंपनियों के शेयर दे सकते हैं मोटा मुनाफा
निर्मला सीतारमण IDBI Bank, Container Corporation of India, BEML, SCI, NMDC और Hindustan Zinc में अपनी हिस्सेदारी बेचने का ऐलान कर सकती हैं। सरकारी बैंकों के शेयर पहले से इनवेस्टर्स के रडार पर हैं। इनवेस्टर्स को उन सरकारी बैंकों के शेयरों पर नजर रखनी चाहिए, जिनमें डिसइनवेस्टमेंट की उम्मीद है। सरकारी बैंकों के प्रदर्शन में सुधार भी देखने को मिला है। प्राइवेट बैंकों और सरकारी बैंकों के बीच का फर्क कम हो रहा है।
रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों के शेयरों में निवेश बढ़ाने का मौका
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार ने 2070 तक नेट-जीरो कार्बन इमिशन का टारगेट रखा है। ऐसे में Fossil Energy के बजाय सरकार का फोकस क्लीन एनर्जी पर बढ़ेगा। इसका फायदा रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों को मिलेगा। इनवेस्टर्स भी Fossil Energy की जगह ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स में पैसे लगाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं।