Budget 2024-2025 : सरकार FAME II की अवधि बढ़ा सकती है। इसका ऐलान यूनियन बजट 2023 में हो सकता है। सरकार FAMI III को मंजूरी मिलने तक फेम II की अवधि बढ़ाना चाहती है। अंतरिम बजट में सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से जुड़ी इस स्कीम के लिए आवंटन बढ़ा सकती है। 1 फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट पेश होगा। इसकी वजह यह है कि 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव के बाद जो सरकार बनेगी वह पूर्ण बजट पेश करेगी।
FAME टू के जरिए सरकार इलेक्ट्रिक व्हकल्स का इस्तेमाल बढ़ाने पर अपना फोकस बनाए रखना चाहती है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल बढ़ने से एक तरफ पेट्रोल-डीजल के आयात पर निर्भरता कम होगी तो दूसरी तरफ इससे प्रदूषण में कमी आएगी। पिछले 1-2 साल में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री में अच्छी ग्रोथ दिखी है। FAME II का मकसद ईवी का इस्तेमाल बढ़ाना है। इसके तहत सरकार टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स और कारों पर सब्सिडी देती है।
कब हुई थी फेम टू की शुरुआत?
FAME का मतलब faster adoption and manufacturing electric vehicles होता है। FAME II की शुरुआत 1 अप्रैल, 2019 को हुई थी। पांच साल की इस स्कीम के लिए 10,000 करोड़ रुपये की बजट सहायता दी गई थी। यह अवधि 31 मार्च, 2024 को खत्म हो रही है। इस महीने की शुरुआत में उद्योग चैंबर FICCI ने भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) को एक प्रस्ताव सौंपा था। इसमें फेम टू स्कीम को और पांच साल के लिए बढ़ाने की मांग की गई थी। इसमें स्कीम के फायदों का आकलन करने और जरूरत के मुताबिक उसमें बदलाव करने की भी मांग की गई थी।
फेम टू कितने साल के लिए बढ़ सकती है?
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए MHI के लिए 5,127 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। यह 2019 के बाद मंत्रालय के लिए सबसे ज्यादा आवंटन था। हाल में संसद की स्थायी समिति ने भी देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए सरकार को कई सुझाव दिए हैं। समिति की हालिया रिपोर्ट में FAME II को तीन साल के लिए बढ़ाने की सिफारिश की गई है। माना जा रहा है कि इस स्कीम की अवधि बढ़ाने से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल बढ़ाने में मदद मिलेगी।
ईवी का इस्तेमाल बढ़ाने का सरकार का लक्ष्य क्या है?
इंडिया में प्रदूषण पर नियंत्रण एक बड़ा चैलेंज है। दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में तीन इंडिया में हैं। ऐसे में सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल बढ़ाकर प्रदूषण के लेवल में कमी लाना चाहती है। सरकार 2030 तक नई व्हीकल्स की कुल बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी बढ़ाकर 30 फीसदी तक करना चाहती है। इसके लिए लोगों को इलेक्ट्रिक व्हकल्स खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।