Budget 2024 : यूनियन बजट (Union Budget 2024) पेश होने की तारीख नजदीक आ रही है। 1 फरवरी, 2024 को फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बजट पेश करेंगी। यह वोट-ऑन-अकाउंट होगा। इसका मतलब है कि सरकार का फोकस अगले वित्त वर्ष के शुरुआती कुछ महीनों के अपने खर्च के प्रस्ताव पर संसद की मंजूरी हासिल करने पर होगा। 2024 में अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके बाद केंद्र में जो नई सरकार बनेगी वह पूर्ण बजट पेश करेगी। पूर्ण बजट में संबंधित वित्त वर्ष में न सिर्फ सरकार के रेवेन्यू और एक्सपेंडिचर का ब्योरा होता है बल्कि सरकार आम लोगों के लिए कई योजनाओं का भी ऐलान करती है।
सबसे ज्यादा लोगों का ध्यान बजट में इनकम टैक्स से जुड़े ऐलान पर होता है। बजट 2023 में सरकार ने इनकम टैक्स खासकर नई रीजीम के बारे में कई बड़े एलान किए थे। यूनियन बजट सरकार के फाइनेंस के बारे में बताने वाला सबसे अहम डॉक्युमेंट है। इससे यह भी पता चलता है कि सरकार का फोकस किन चीजों पर हैं। आइए यूनियन बजट के बारे में कुछ अहम बातें जानते हैं।
1. यूनियन बजट तैयार करने की प्रक्रिया सितंबर-अक्टूबर में शुरू हो जाती है। वित्त मंत्रालय सरकार के सभी मंत्रालयों से अगले वित्त वर्ष में फंड की उनकी जरूरतों के बारे में जानकारी मांगता है।
2. हर मंत्रालय में खर्च के अनुमान को फाइनेंस मिनिस्ट्री को भेजने से पहले काफी विचार-विमर्श होता है। मंत्रालय के सीनियर अफसर इस बारे में नीति आयोग से भी चर्चा करते हैं।
3. फाइनेंस मिनिस्ट्री हर मंत्रालय के फंड की जरूरतों पर विचार करती है। वह किसी खर्च के बारे में संबंधित मंत्रालय से सवाल पूछ सकती है। जरूरी महसूस होने पर वह किसी मंत्रालय के अनुमान को घटा सकती है।
4. फाइनेंस मिनिस्ट्री अलग-अलग सेक्टर के एक्सपर्ट्स से भी राय मांगती है। अलग-अलग इंडस्ट्री की प्रतिनिधि संस्थाओं से भी यूनियन बजट के बारे में राय मांगी जाती है। उन पर मिनिस्ट्री के अधिकारी विचार करते हैं।
5. बजट तैयार करने का काम नॉर्थ ब्लॉक में होता है। इसके लिए एक विशेष टीम बनाई जाती है, जिसमें वित्तमंत्रालय के सीनियर अधिकारी शामिल होती है। बजट को बहुत सीक्रेट डॉक्युमेंट माना जाता है। इसलिए इसे बनाने के दौरान काफी गोपनीयता बरती जाती है।