अब से थोड़ी देर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी। इस बड़े दिन बाजार की सबसे बड़ी आवाज़ और BSE के मेंबर रमेश दमानी सीएनबीसी-आवाज के साथ जुड़े हैं। आज बजट से आपकी क्या उम्मीदें हैं, क्या बड़ा विजन वाला बजट आने वाला है? इस सवाल के जवाब में रमेश दमानी ने कहा 1991 के उदारीकरण के बाद इकोनॉमी में जबरदस्त ग्रोथ देखने को मिली है। 1991 में हमारी इकोनॉमी 250 अरब डॉलर की थी। अब हमारी इकोनॉमी 2.5 ट्रिलियन डॉलर की हो चुकी है। ग्रोथ के अगले फेज के लिए विकसित भारत वाला बजट होना चाहिए। बजट में हाउसिंग, गैस, टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव की उम्मीद है।
RBI से सरकार को मोटा डिविडेंड मिला है, सरकार के पास PSU में बहुत बड़ा हिस्सा है। दूसरे एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार को वैल्यूअनलॉक करनी चाहिए कम से कम 4-5 लाख करोड़ की हिस्सेदारी बेचनी चाहिए, इससे पैसा भी आएगा और विनिवेश की भी जरूरत नहीं पड़ेगी, आपका क्या मानना है?
इसके जवाब में रमेश ने कहा कि सरकार पहले हर कीमत पर विनिवेश करती थी। पिछले एक साल में विनिवेश की रफ्तार कम हुई है। PSU की वैल्यू 5 से 10 गुना बढ़ चुके हैं। सरकार को कुछ वैल्यू अनलॉक करनी चाहिए।
PSU रैली आपने सबसे पहले पकड़ी थी, वहां से ये शेयर 20-30 गुना हो चुके हैं। क्या अब PSU से डरने की जरूरत है? इसके जवाब में रमेश ने कहा कि बुल रन में कुछ सेक्टर में वैल्यू अनलॉक कर सकते हैं। ऑयल एंड गैस, कंस्ट्रक्शन, इंजीनियरिंग में वैल्यू अनलॉकिंग बाकी है। बास्केट के तौर पर फिलहाल बेचने का नहीं सोच रहे। काफी चढ़ चुके कुछ चुनिंदा शेयरों से वैल्यू अनलॉक कर सकते हैं।
बाजार में जोरदार तेजी देखने के मिली है, क्या बाजार फेयर वैल्यू से ऊपर जा चुका है, डरने की जरूरत है?
इसके जवाब में रमेश ने कहा कि 4 जून की गिरावट के 18 घंटों में ही मार्केट का यू-टर्न देखने को मिला था। इंडियन स्टोरी में लोगों का भरोसा कायम है। बुल मार्केट अभी बाकी है। करेक्शन आने पर भी लिक्विडिटी की कमी नहीं है। मुझे नहीं लगता है कि बाजार अपना शिखर छू चुका है।
बुल रन में FIIs ने अच्छा पैसा कमाया, आप हमेशा से चाहते थे कि रिटेल इस बाजार में पैसा बनाए और उसने बनाया भी है, अब क्या उनको सतर्क रहने की जरूरत है?
इस पर रमेश ने कहा कि हर बुल मार्केट की एक समय सीमा होती है। फिलहाल बाजार में रिटेलर्स की कमाई हो रही है। कंपनियों के नतीजे बेहतर हैं, लिक्विडिटी का आभाव नहीं है। बुल मार्केट के खत्म होने का फिलहाल कोई निशान नहीं दिख रहे हैं।
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