बजट से पहले मार्केट पर बात करते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल ने कहा कि निवेशकों को कैपिटल गेंस पर राहत मिलनी चाहिए। कैपिटल गेंस को बढ़ाने की जगह कम करने पर विचार होना चाहिए। ऑप्शंस में उछाल को देखते हुए लंबे समय के निवेशकों को इंसेंटिव मिलना जरूरी है। बेहतर टैक्स से देश में बढ़ते इक्विटी कल्ट को और बढ़ावा मिलेगा। जब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस जीरो था तब STT आया था। अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस और STT दोनों लगते हैं। सरकार चाहे तो लॉन्ग टर्म की मियाद बढ़ाकर 2 साल कर सकती है। लेकिन कैपिटल गेंस पर राहत मिलनी चाहिए।
बजट से बाजार क्या चाहता है?
बाजार चाहता है कि वित्तीय घाटे का आंकड़ा 5.1 फीसदी के नीचे होना चाहिए। इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़े। विनिवेश और निजीकरण का ठीक-ठाक टारगेट रखा जाए। मिडिल क्लास के हाथ में खर्च के लिए ज्यादा पैसा आएं। लोकलुभावन कदम ना हों, वित्तीय अनुशासन बना रहे। ओपन मार्केट से बायबैक पर डबल टैक्सेशन हटे। डिफेंस, रेलवे और कैपिटल गुड्स पर फोकस हो।
बजट से पहले बाजार की पोजीशनिंग
अनुज का कहना है कि बजट से पहले बाजार की पोजीशनिंग काफी कंफ्यूजिंग है। अगर कैपिटल गेन्स टैक्स में छेड़छाड़ हुई तो निफ्टी 23000-23500 तक गिर सकता है। अगर कैपिटल गेन्स टैक्स में छेड़छाड़ नहीं हुई तो निफ्टी 25000 तक बढ़ सकता है। कैपिटल गेन्स टैक्स का सबसे ज्यादा असर मिडकैप मार्केट में होगा। कैपिटल गेन्स टैक्स में बदलाव हुआ तो मिडकैप, स्मॉलकैप में काफी वोलैटिलिटी संभव है। MF के पास काफी कैश मौजूद है। अगर बजट अच्छा रहा तो ये पैसा बाजार में आ सकता है।
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