Tata Trusts Board Meeting: टाटा ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी टाटा सन्स में 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले टाटा ट्रस्ट्स की 10 अक्टूबर को अहम मीटिंग होने वाली है। इसमें अपने नियमित फिलैंथ्रॉपिक एजेंडा के तहत बोर्ड मीटिंग में कम से कम तीन हेल्थकेयर प्रोजेक्ट्स के फंडिंग प्रपोजल की समीक्षा करने की उम्मीद है।
वेणु श्रीनिवासन के बोर्ड पद पर कोई चर्चा नहीं
बोर्ड मीटिंग के एजेंडा के अनुसार, 10 अक्टूबर की बैठक में टाटा सन्स बोर्ड पर ट्रस्ट्स के नामित निदेशक वेणु श्रीनिवासन के पद के रिव्यू का कोई प्रस्ताव नहीं है। टाटा सन्स, टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है। यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि ट्रस्टीज के दो वर्गों के बीच मतभेद की खबरें हैं। मौजूदा चेयरमैन नोएल टाटा श्रीनिवासन के टाटा सन्स बोर्ड में बने रहने के पक्ष में हैं। वहीं, ट्रस्टीज का एक वर्ग इसके विरोध में है।
कुछ ट्रस्टी मेहली मिस्ट्रि, प्रामित झवेरी, डेरियस खंबाटा और जहांगिर HC जहांगीर ने टाटा सन्स के आर्टिकल 121A के इंप्लीमेंटेशन पर सवाल उठाए हैं। यह आर्टिकल ट्रस्ट्स की फिडूशियरी जिम्मेदारियों को तय करता है, जो होल्डिंग कंपनी के बड़े वित्तीय निर्णयों को मंजूरी देने में आती हैं।
पिछली मीटिंग में हुआ था मतभेद
इसी ग्रुप के ट्रस्टीज ने 11 सितंबर की बैठक में ट्रस्ट्स के नामित निदेशक के रूप में विजय सिंह की दोबारा नियुक्ति पर नोएल टाटा और वेणु श्रीनिवासन के साथ मतभेद किया था। विजय सिंह पूर्व रक्षा सचिव हैं। उन्होंने पिछले महीने टाटा सन्स के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था।
पिछले साल नोएल टाटा के चेयरमैन बनने के बाद पास एक प्रस्ताव पास किया गया था। इसके मुताबिक, 75 साल की उम्र पार करने के बाद नामित निदेशकों की दोबारा नियुक्ति पर हर साल विचार किया जाएगा।
टीवीएस ग्रुप के चेयरमैन एमेरिटस वेणु श्रीनिवासन एक तजुर्बेकार इंडस्ट्रियलिस्ट हैं। वह भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में चार दशकों से अधिक का अनुभव रखते हैं। उन्हें 2021 में टाटा ट्रस्ट्स के नामित निदेशक के रूप में टाटा सन्स बोर्ड में शामिल किया गया था। इसे देश के सबसे बड़े समूह की बोर्डरूम में अनुभवी औद्योगिक दृष्टिकोण और स्वतंत्र विचार लाने की कोशिश माना गया।
ट्रस्टियों की भूमिका और रुख
एक सूत्र ने बताया, 'बोर्ड के कुछ सदस्य यह दिखाना चाहते हैं कि वे कंपनी और ट्रस्ट्स की स्थिरता बनाए रखना चाहते हैं। उनकी कोई कार्रवाई नोएल टाटा की अध्यक्षता को चुनौती देने या कमजोर करने के लिए नहीं है। उनका मकसद सिर्फ यह सुनिश्चित करना है कि ट्रस्ट्स के निर्णयों पर निगरानी बनी रहे और सभी नियम-कायदे सही तरीके से लागू हों, ताकि बोर्ड की गवर्नेंस यानी प्रबंधन और संचालन प्रभावित न हों।'
11 सितंबर की बैठक में चार ट्रस्टियों ने मेहली मिस्त्री को सिंह की जगह नामित करने का प्रस्ताव भी दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसे नोएल टाटा और श्रीनिवासन ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद चार ट्रस्टियों ने इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाया।
यह स्पष्ट नहीं है कि टाटा ट्रस्ट्स का बोर्ड शुक्रवार की बैठक में सिंह के पद पर पुनर्विचार करेगा या उनके स्थान पर किसी नए नियुक्ति पर चर्चा करेगा। फिलहाल टाटा सन्स बोर्ड पर नामित निदेशकों की नियुक्ति से संबंधित कोई आइटम एजेंडा में नहीं है।