Budget 2024 Standard Deduction: बजट में टैक्सपेयर्स को बड़ा तोहफा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया है। बजट में सरकार ने न्यू टैक्स रीजीम के लिए स्टैंडर्स डिडक्शन बढ़ा दिया है। सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया है। अब नौकरीपेशा की सैलरी में से टैक्सेबल इनकम में से 75,000 रुपये बच जाएंगे। यहां जानते हैं कि सरकार के स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने से नौकरीपेशा टैक्सपेयर्स को क्या फायदा होगा।
क्या होता है स्टैंडर्ड डिडक्शन?
इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) के तहत नौकरीपेशा लोगों को खास राहत मिली हुई है, इसे स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) कहा जाता है। इसमें एक निश्चित अमाउंट नौकरी करने वाले व्यक्ति की टैक्सेबल इनकम से घटाया जाता है। इससे व्यक्ति की टैक्सेबल इनकम घट जाती है, जिससे टैक्सपेयर्स की टैक्स लायबिलिटी भी कम हो जाती है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 16 के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन के प्रावधान को शामिल किया गया है। खास बात यह है कि टैक्सपेयर्स की एनुअल इनकम कम हो या ज्यादा उन्हें एक निश्चित अमाउंट ही डिडक्ट करने की इजाजत है। इसलिए कम इनकम वाले टैक्सपेयर्स को इससे काफी राहत मिलती है। स्टैंडर्स डिडक्शन का फायदा पेंशन पाने वाले लोग भी उठा सकते हैं।
आज बजट में न्यू टैक्स रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर किया 75000 रुपये
स्टैंडर्ड डिडक्शन की शुरुआत 1974 में हुई थी। हालांकि, बाद में इस प्रावधान को खत्म कर दिया गया था। यूनियन बजट 2018 में स्टैंडर्ड डिडक्शन को फिर से शुरू किया गया। अब स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा नए और पुराने दोनों टैक्स रीजीम में किया जा सकता है। आज बजट में नए टैक्स रीजीम में सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया है। पुराना टैक्स रीजीम चुनने वालों को स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा 50,000 रुपये तक ही मिलेगा।
कौन उठा सकता है स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा?
स्टैंडर्ड डिडक्शन 75000 रुपये होने का फायदा न्यू टैक्स रीजीम वाले टैक्सपेयर्स ही उठा सकते हैं। सरकारी और प्राइवेट नौकरी करने वाले टैक्सपेयर्स इसका फायदा उठा सकते हैं। सेल्फ-एंप्लॉयड टैक्सपेयर्स को स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है। कारोबार करने वाले टैक्सपेयर्स को यह राहत नहीं मिलती है।
कब कैलकुलेट होता है स्टैंडर्ड डिडक्शन?
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग के वक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन का दावा किया जा सकता है। अच्छी बात यह है कि दूसरे डिडक्शन से अलग इस डिडक्शन का फायदा उठाने के लिए किसी तरह के डॉक्युमेंट की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर आप प्राइवेट नौकरी करते हैं तो आपको कंपनी की तरफ से फॉर्म 16 मिलता होगा। इसे ध्यान से देखने पर आप पाएंगे कि कंपनी ने स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ देने के बाद आपकी टैक्सेबल इनकम तय की होती है।