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बजट भाषण में अगर इन 6 चीजों का ऐलान हुआ तो मिडिल क्लास की होगी बल्ले-बल्ले

Budget 2024: नई टैक्स रिजीम में इंश्योरेंस के प्रीमियम पर टैक्स छूट नहीं मिलता है। ऐसे में अधिकतर सैलरी वाले लोग अभी भी पुरानी टैक्स रिजीम को ही चुनना पसंद करते हैं। पुरानी टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर्स को सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है

अपडेटेड Jul 23, 2024 पर 5:37 AM
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Budget 2024: क्या 2017 के बाद इस साल पहली बार टैक्स स्लैब में कोई बदलाव होगा?

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले हफ्ते 23 जुलाई को संसद में आम बजट 2024-25 पेश करेंगी। यह नई मोदी सरकार का पहला बजट होगा। माना जा रहा है कि सरकार का फोकस इस बार सैलरी क्लास वाले मिडिल क्लास पर है। सरकार की योजना आम लोगों के हाथ में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा देने की है। इसके लिए सैलरी क्लास को ध्यान में रखकर टैक्स के नियमों में बदलाव किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि बजट में इस बार सैलरीड क्लास को क्या तोहफे मिल सकते हैं।

1. इनकम टैक्स से छूट की न्यूनतम सीमा में इजाफा

सरकार ने वित्त वर्ष 2020 के बजट में नई टैक्स रिजीम को लागू किया था। यह टैक्स रिजीम उन लोगों के फायदेमंद थी, जो विभिन्न तरीके के निवेश या इंश्योरेंस पर टैक्स में छूट का दावा नहीं करते हैं। हालांकि आज मिडिल क्लास के लगभग हर व्यक्ति की आय का एक बड़ा हिस्सा होम लोन या कई तरह के इंश्योरेंस के प्रीमिय आदि में खर्च होता है। वहीं पुरानी टैक्स रिजीम में आखिरी बार बदलाव 2014-15 में किया गया था। इस बार माना जा रहा है कि सरकार दोनों तरह के टैक्स रिजीम के लिए इनकम टैक्स से छूट की न्यूनतम सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती है।


2. सेक्शन 80C के तहत अधिक छूट

नई टैक्स रिजीम में विभिन्न तरीके के निवेश या इंश्योरेंस आदि पर छूट नहीं मिलता है। ऐसे में अधिकतर सैलरी वाले लोग अभी भी पुरानी टैक्स रिजीम को ही चुनना पसंद करते हैं। पुरानी टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर्स को सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है। यह छूट LIC, प्रोविडेंट फंड, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, टर्म डिपॉजिट आदि में निवेश पर मिलती है। माना जा रहा है कि सरकार इस बार 80C के तहत टैक्स छूट की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर सकती है।

3. स्टैंडर्ड डिडक्शन में इजाफा

नई और पुरानी दोनों टैक्स रिजीम में टैक्सपेयर्स को 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन यानी मानक कटौती मिलती है। इस बार ऐसी चर्चाएं हैं कि सरकार नई टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये और पुरानी टैक्स रिजीम के तहत 70,000 रुपये कर सकती है।

4. कैपिटल गेन टैक्सइस बार बजट में कैपिटल गेन टैक्स पर भी नजर होगी।

शेयर मार्केट के एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार को लिस्टेड कंपनियों के शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स से छूट की मौजूदा सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर देना चाहिए।

5. होम लोन पर दिया जाने वाला ब्याज

हर आदमी का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो। अभी होम लोन के मामले में 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर आप टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। हालांकि इस बीच ब्याज दरें बढ़ने और रेगुलेटरी नियमों की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर पर काफी दबाव है। ऐसे में एक्सपर्ट्स ने सरकार को नई रिजीम में भी होम लोन छूट को लाने और पुरानी टैक्स रिजीम के तहत टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने के सुझाव दिए हैं।

6. 80D की छूट को बढ़ाने का ऐलान 

इस साल बजट में हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए धारा 80D में बदलाव की उम्मीद बढ़ गई है। इसकी सीमा 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपये तक की जा सकती है।'

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