Budget 2024: साल 2024 का पूर्ण बजट कल मंगलवार 23 जुलाई 2024 को पेश होना है। बजट में इनकम टैक्स को लेकर मिडिल क्लास की कई उम्मीदें होती है। यहां आपको बता रहे हैं की पिछले तीन सालों में इनकम टैक्स को लेकर क्या बदलाव हुआ हैं और साल 2024 के बजट में इनकम टैक्स में बदलाव को लेकर क्या उम्मीदें कर सकते हैं।
इनकम टैक्स में बदलाव – बजट 2021
बजट 2021 में इनकम टैक्स को लेकर कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ था। टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया। हालांकि, सीनियर सिटीजन को पेंशन और ब्याज इनकम वाले 75 साल और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को आयकर रिटर्न दाखिल करने से छूट दी गई थी। उन लोगों के लिए टैक्स ऑडिट लिमिट 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दी गई, जिन्होंने अपना 95% डिजिटल ट्रांजेक्शन रूप से किया। कोविड-19 बीमारी के जुड़े खर्चों पर टैक्स छूट दी गई।
इनकम टैक्स में बदलाव – बजट 2022
साल 2022 के बजट में भी इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया। वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के ट्रांसफर होने वाली इनकम पर 30% टैक्स, अधिग्रहण की लागत को छोड़कर कोई कटौती नहीं। वीडीए के हस्तांतरण के लिए किए गए भुगतान पर 1% टीडीएस लागू किया गया था। राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए कर कटौती सीमा 10% से बढ़ाकर 14% कर दी गई। विकलांग आश्रितों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सालाना योजनाओं में निवेश के लिए एकमुश्त कटौती की अनुमति दी गई।
इनकम टैक्स में बदलाव – बजट 2023
साल 2023 के बजट में नए टैक्स रीजीम में बदलाव किया गया और ये नया टैक्स सिस्टम डिफॉल्ट टैक्स रीजीम बन गया। सेक्शन 87A के तहत टैक्स रीबेट 25000 रुपये कर दी गई। ये टैक्सेबल इनकम 7 रुपये तक के टैक्सपेयर्स वालों के लिए किया गया।
टैक्स स्लैब (नया टैक्स रीजीम):
0 रुपये – 3 लाख रुपये: जीरो
3 लाख से - 6 लाख रुपये: 5%
6 लाख से - 9 लाख रुपये: 10%
9 लाख रुपये से - 12 लाख रुपये: 15%
12 लाख रुपये - 15 लाख रुपये: 20%
स्टैंडर्ड डिडक्शन: नई टैक्स रीजीम के तहत 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन शुरू की गई थी।
सरचार्ज में कमी: 5 करोड़ रुपये से अधिक आय के लिए उच्चतम अधिभार दर 37% से घटाकर 25% कर दिया गया।
साल 2024 में बजट से टैक्सपेयर्स की उम्मीदें
टैक्सपेयर्स बजट में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। कई लोगों को उम्मीद है कि सरकार बेसिक छूट लिमिट को मौजूदा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करेगी। नए टैक्स रीजीम को पहले से अधिक आकर्षित बनाया जाए। बढ़ती आय के साथ, मध्य आय वर्ग के बीच सेविंग और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए टैक्स छूट लिमिट को 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया जाए। स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाया जाए।