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Budget में सरकारी खर्च बढ़ा तो रॉकेट बने ये शेयर, जानिए किन इंडस्ट्रियल स्टॉक्स ने भरी हुंकार

Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के बजटीय ऐलान का इंडस्ट्रियल स्टॉक्स पर मिला-जुला असर दिख रहा है। अंतरिम बजट में उन्होंने वित्त वर्ष 2025 के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर में 11.1 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इसका असर इंडस्ट्रियल शेयरों पर भी दिख रहा है। वित्त मंत्री के ऐलान पर इंडस्ट्रियल स्टॉक्स 10 फीसदी तक उछल गए

अपडेटेड Feb 01, 2024 पर 4:12 PM
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सरकार का इस समय कैपिटल एक्सपेंडिचर पर काफी जोर है और इसका पॉजिटिव इफेक्ट इंडस्ट्रियल स्टॉक्स पर भी दिख रहा है और एक साल में इनमें काफी तेजी आई है।

Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के बजटीय ऐलान का इंडस्ट्रियल स्टॉक्स पर मिला-जुला असर दिख रहा है। अंतरिम बजट में उन्होंने वित्त वर्ष 2025 के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर में 11.1 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इसका असर इंडस्ट्रियल शेयरों पर भी दिख रहा है। सरकार का इस समय कैपिटल एक्सपेंडिचर पर काफी जोर है और इसका पॉजिटिव इफेक्ट इंडस्ट्रियल स्टॉक्स पर भी दिख रहा है और एक साल में इनमें काफी तेजी आई है। अब आज वित्त मंत्री के ऐलान ने फिर इनमें जोश भर दिया। इंडस्ट्रियल स्टॉक्स 20 फीसदी तक उछल गए। पिछली बार 10 लाख करोड़ रुपये अलॉट हुए थे लेकिन अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वित्त मंत्री ने 11.11 लाख करोड़ रुपये अलॉट किए हैं।

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ब्रोकरेज का क्या था अनुमान


नुवामा की रिपोर्ट में अनुमान था कि अंतरिम बजट में एलोकशन 15-16 फीसदी बढ़ सकता है। वहीं जेफरीज ने फिस्कल कंसालिडेशन की जरूरत बताते हुए 7-8 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान लगाया था। जेफरीज के एनालिस्ट्स ने यह भी कहा था कि पब्लिक कैपेक्स से प्रभावित होने वाले इंडस्ट्रियल स्टॉक्स में ऐलान के बाद गिरावट आ सकती है। लेकिन उनका यह भी कहना था कि इसमें गिरावट से ओवरऑल कैपेक्स साइकिल पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि ओवरऑल ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन (GFCF) में बजट एक्सपेंडिचर की सिर्फ 15 फीसदी हिस्सेदारी है।

Interim Budget 2024 Highlights

चुनाव के चलते पूरे वित्त वर्ष का बजट नहीं

इस साल लोकसभा चुनाव होने हैं तो ऐसी परंपरा रही है कि चुनाव वाले साल में बजट सत्र में पूरे साल का बजट नहीं पेश किया जाएगा। चुनाव वाले वर्ष में बजट सत्र में कुछ ही महीने का बजट पेश किया जाता है और उसके बाद वित्त वर्ष के बाकी महीनों के लिए चुनाव के बाद बनने वाली सरकार बजट पेश करती है। यह बजट मानसून सत्र में पेश किया जाता है।

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