Interim Budget 2024 : अंतरिम बजट पेश होने में दो हफ्ते से कम समय बचा है। इस बजट से अलग-अलग सेक्टर की अपनी-अपनी उम्मीदें हैं। नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के सब्सक्राइबर्स को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने सरकार से एनपीएस में एंप्लॉयर की डिडक्शन की लिमिट बढ़ाने की गुजारिश की है। अभी यह लिमिट 10 फीसदी है। इसे बढ़ाकर 12 फीसदी करने की गुजारिश की गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकारी एंप्लॉयीज की पेंशन स्कीम पर बनी समिति भी अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपने वाली है। मनीकंट्रोल ने इस पूरे मामले को विस्तार से समझने के लिए एक्सिस पेंशन फंड के एमडी और सीईओ सुमित शुक्ला से बातचीत की। उनसे यह भी जानने की कोशिश की कि इनकम टैक्स की नई रीजीम में क्यों एनपीएस को स्पेशल दर्जा मिलनी चाहिए।
बजट 2024 में समिति की रिपोर्ट के बारे में बता सकती हैं वित्तमंत्री
एनपीएस को लेकर सरकारी एंप्लॉयीज के मसलों पर विचार के लिए जो समिति बनी थी वह बजट सेशन में अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को इस रिपोर्ट के बारे में अपने बजट भाषण में बता सकती हैं। एनपीएस की खासियत यह है कि यह सब्सक्राइबर को इक्विटी में निवेश करने का मौका देता है। इससे ज्यादा रिटर्न मिलने की गुंजाइश रहती है। लंबे समय तक एनपीएस में निवेश करने पर रिटायरमेंट के वक्त अच्छा फंड तैयार हो सकता है। इस मामले में एनपीएस सरकारी एंप्लॉयीज की ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) से बेहतर है।
सरकारी एंप्लॉयीज के मामले में 14 फीसदी कंट्रिब्यूशन की इजाजत
अगर सरकार एंप्लॉयर की एनपीएस में कंट्रिब्यूशन की लिमिट बढ़ाकर 14 फीसदी कर देती है तो इससे प्राइवेट सेक्टर के एंप्लॉयज और सरकारी एंप्लॉयीज के बीच फर्क खत्म हो जाएगा। इससे प्राइवेट सेक्टर के एंप्लॉयीज के लिए भी रिटायरमेंट तक अच्छा फंड तैयार करने का रास्ता खुल जाएगा। हालांकि, पीएफआरडीए ने कंट्रिब्यूशन की लिमिट को बढ़ाकर 12 फीसदी करने की मांग की है। इससे कंट्रिब्यूशन की लिमिट ईपीएफ में कंट्रिब्यूशन की लिमिट के बराबर हो जाएगी।
अतिरिक्त 50,000 रुपये के डिडक्शन को बढ़ाकर 1 लाख किया जाए
सरकार को सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत एनपीएस में निवेश पर मिलने वाले 50,000 रुपये के डिडक्शन को बढ़ाकर एक लाख रुपये कर देना चाहिए। इसकी इजाजत इनकम टैक्स की नई रीजीम में भी मिलनी चाहिए। एनपीएस सब्सक्राइबर्स की दूसरी मांग एन्युटी को लेकर है। उनकी मांग है कि सरकार को एन्युटी इनकम को टैक्स-फ्री कर देना चाहिए।