Union Budget 2024 : सरकार नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को अट्रैक्टिव बनाने के लिए कदम उठा सकती है। खासकर 75 साल से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजंस को कंट्रिब्यूशन और विड्रॉल पर टैक्स बेनेफिट दिया जा सकता है। उधर, पेंशन फंड रेगुलेटर PFRDA (पीएफआरडीए) ने एंप्लॉयर के कंट्रिब्यूशन पर EPFO (ईपीएफओ) जैसे टैक्स नियमों की मांग की है। उम्मीद है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अंतरिम बजट में ये ऐलान कर सकती हैं। वित्तमंत्री 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। अगले वित्त वर्ष का पूर्ण बजट अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों के बाद जो नई सरकार बनेगी वह पेश करेगी। NPS के सब्सक्राइबर्स को भी अंतरिम बजट में वित्तमंत्री से कुछ अहम ऐलान की उम्मीद है।
बजट 2024 में टैक्स छूट बढ़ाने का हो सकता है ऐलान
अभी एंप्लॉयर के कंट्रिब्यूशन पर टैक्स के नियम एनपीएस और ईपीएफओ के लिए अलग-अलग हैं। एनपीएस में एंप्लॉयी के कॉर्पस (फंड) में एंप्लॉयर के 10 फीसदी तक के कंट्रिब्यूशन को ही टैक्स से छूट मिलती है। यह 10 फीसदी बेसिक पे और डियरनेस अलाउन्स का होता है। उधर, ईपीएफओ में एंप्लॉयी के कॉर्पस में कुल 12 फीसदी कंट्रिब्यूशन को टैक्स से छूट मिलती है। लंबे समय से एक्सपर्ट्स टैक्स के नियमों में इस फर्क को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि एनपीएस के मामले में भी 12 फीसदी तक के कंट्रिब्यूशन को टैक्स छूट मिलनी चाहिए।
75 साल की उम्र के सीनियर सिटीजंस को राहत देने की जरूरत
कंसल्टेंसी और ऑडिट फर्म डेलॉयट के मुताबिक, सरकार लॉन्ग टर्म सेविंग्स के लिए एनपीएस में इनवेस्टमेंट को बढ़ावा देने की जरूरत है। साथ ही 75 साल से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजंस के लिए टैक्स में राहत के उपाय होने चाहिए। एनपीएस के 75 साल से ज्यादा उम्र के सब्सक्राइबर्स के लिए एन्युटी इनकम को टैक्स-फ्री कर देना चाहिए। इसके अलावा 75 साल से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजंस जिन्हें एनपीएस से इनकम होती है, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट दी जानी चाहिए।
इनकम टैक्स की नई रीजीम में भी एनपीएस पर टैक्स छूट मिलनी चाहिए
अभी एनपीएस में एकमुश्त सिर्फ 60 फीसदी विड्रॉल को टैक्स-छूट मिलती है। एक्सपर्ट्स ने इनकम टैक्स की नई रीजीम में भी एनपीएस कंट्रिब्यूशन पर टैक्स बेनेफिट देने की मांग की है। अभी, एनपीएस में सब्सक्राइबर के 50,000 रुपये तक के कंट्रिब्यूशन को सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत डिडक्शन मिलता है। लेकिन यह सुविधा सिर्फ इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में है। नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स यह डिडक्शन नहीं मिलता है। यह ओल्ड टैक्स रीजीम में सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाले 1.5 लाख रुपये के टैक्स बेनेफिट के अतिरिक्त है।