Interim Budget 2024 : टूरिज्म से सरकार को काफी विदेशी मुद्रा (Foreign Exchange) मिलती है। इसमें ट्रैवल और लॉजिंग दोनों शामिल हैं। विदेशी पर्यटकों के साथ घरेलू पर्यटकों की संख्या में भी अच्छी वृद्धि देखने को मिली है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना की महामारी से पहले (वित्त वर्ष 2018-19) टूरिज्म का जीडीपी में 194 अरब डॉलर योगदान था। कोरोना की महामारी की वजह से पिछले तीन साल में टूरिज्म से रेवेन्यू घटा है। इसके बावजूद सरकार को 2033 तक टूरिज्म से रेवेन्यू बढ़कर 443 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। देश में टूरिज्म से रेवेन्यू बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं। धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक महत्व के स्थलों, कला, संगीत आदि पर फोकस करने से काफी फायदा हो सकता है। पिछले कुछ सालों से सरकार ने इस पर फोकस बढ़ाया है। साल 2017 में ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशंस में इंडिया की रैंकिंग 41 थी। 2021 में इंडिया 17वें रैंक पर आ गया है।
बजट 2024 में टूरिज्म सेक्टर के लिए बढ़ेगा आवंटन
कोविड की महामारी वाले सालों में टूरिज्म सेक्टर के आवंटन में कमी आई थी। इसकी वजह यह है कि सरकार को हेल्थ और सोशल सेक्टर पर खर्च बढ़ाना पड़ा था। अब फिर से टूरिज्म सेक्टर को आवंटन बढ़ने लगा है। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में टूरिज्म सेक्टर के लिए आवंटन 18 फीसदी बढ़ाया था। हालांकि, पिछले साल के यूनियन बजट में इस सेक्टर के लिए आवंटन नहीं बढ़ा। इसलिए इस साल बजट में टूरिज्म सेक्टर के लिए आवंटन बढ़ने की उम्मीद है। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा।
एयरलाइंस इंडस्ट्री को पैकेज मिलने की उम्मीद
एयरलाइंस कंपनियों को अंतरिम बजट में सरकार से मदद मिलने की उम्मीद है। उनका मानना है कि एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) की ऊंची कीमतों को देखते हुए सरकार उनकी मदद के लिए बजट में उपायों का ऐलान कर सकती है। एयरलाइंस कंपनियों के कुल खर्च में एटीएफ की करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी है। एयरलाइंस इंडस्ट्री लंबे समय से एयरपोर्ट्स और एविएशन को प्रायरिटी सेक्टर के तहत लाने की मांग कर रही है। ऐसा करने से इस सेक्टर में निवेश के लिए कम इंटरेस्ट रेट पर कर्ज मिल सकेगा।
टूरिज्म में एफडीआई बढ़ाने के हो सकते हैं उपाय
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार होटल इंडस्ट्री के लिए जीएसटी के रेट में बदलाव करने की जरूरत है। लेकिन, जीएसटी का मसला यूनियन बजट में नहीं आता है, जिससे इस मामले में अभी राहत की उम्मीद नहीं है। सरकार को टूरिज्म सेक्टर के लिए आवंटन बढ़ाने के साथ ही इस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। इसके अलावा ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के स्थलों पर आनेजाने की सुविधाएं बेहतर बनाने पर फोकस बढ़ाना होगा।
इंडिया का टूरिज्म-जीडीपी रेशियो कम
जेफरीज इंडिया की रिपोर्ट में इंडिया को दुनिया के टॉप 12 वेलनेस डेस्टिनेशंस में शामिल किया गया है। एशिया-पैसिफिक देशों में इंडिया टॉप 5 डेस्टिनेशंस में शामिल है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि टूरिज्म सेक्टर की ग्रोथ का फायदा दूसरे सेक्टर को भी मिलता है। इनमें ट्रैवल से संबंधित सेवाएं, एयरलाइंस और होटल्स सेक्टर शामिल हैं। इंडिया में टूरिज्म और जीडीपी का रेशियो 6.8 फीसदी है। यह कई उभरते और विकसित देशों के रेशियो के मुकाबले काफी कम है।