Budget 2024 : यूनियन बजट 2024 पेश होने की तारीख नजदीक आ रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2024 को यूनियन बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा, जिसमें सरकार का फोकस वोट-ऑन-अकाउंट पर होगा। 2024 में लोकसभा चुनावों के बाद जो नई सरकार बनेगी वह वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करेगी। 1 फरवरी, 2024 को निर्मला सीतारमण अपना छठा यूनियन बजट पेश करेंगी। इसके साथ ही वह पांच या इससे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले वित्तमंत्रियों की लिस्ट में शामिल हो जाएंगी। इस लिस्ट में पूर्व वित्त मंत्री मोरारजी देसाई, मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम, यशवन्त सिन्हा और अरुण जेटली के नाम शामिल हैं। आजादी के बाद से यूनियन बजट ने लंबा सफर पूरा किया है। इस बीच, 75 पूर्ण बजट, 14 अंतरिम बजट और 4 स्पेशल बजट पेश किए जा चुके हैं। आइए यूनियन बजट से जुड़े दिलचस्प जानकारियां जानते हैं।
1. सबसे लंबा बजट भाषण किस वित्तमंत्री ने दिया?
सबसे लंबा बजट भाषण (समय के लिहाज से) देने का रिकॉर्ड वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के नाम है। उन्होंने 1 फरवरी, 2020 को वित्त वर्ष 2020-21 का यूनियन बजट पेश किया था। तब उन्होंने 2 घंटे 42 मिनट लंबा बजट भाषण दिया था। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने जब अपना बजट भाषण खत्म किया, तब उसके दो पेज पढ़ने के लिए बाकी थे। लेकिन, समय की कमी की वजह से उन्होंने उन्हें छोड़ देने का फैसला किया था। सबसे छोटा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड हीरूभाई मुल्जीभाई पटेल ने नाम है। उन्होंने 1977 में सबसे छोटा बजट पेश किया था। तब उनका बजट भाषण सिर्फ 800 शब्दों का था। पटेल प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 के दौरान वित्तमंत्री थी।
2. शब्दों की संख्या के लिहाज से सबसे लंबा बजट भाषण किसका था?
पूर्व प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 में शब्द संख्या के लिहाज से सबसे लंबा बजट भाषण दिया था। उनके बजट भाषण में कुल 18,650 शब्द थे। वह पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री थे। उनके बाद सबसे लंबा भाषण का रिकॉर्ड अरुण जेटली के नाम है। उन्होंने 2018 में जो बजट भाषण दिया था, उसमें 18,604 शब्द थे। तब उन्हें अपना बजट भाषण पूरा करने में 1 घंटा 49 मिनट का समय लगा था।
3. किस-किस प्रधानमंत्री ने पेश किया यूनियन बजट?
यूनियन बजट पेश करने का काम वित्तमंत्री का होता है। लेकिन तीन बार यूनियन बजट प्रधानमंत्रियों को पेश करना पड़ा था। पहली बार प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1958 में यूनियन बजट पेश किया था। इसकी वजह यह थी कि तब टीटी कृष्णनामचारी वित्त मंत्री थे। लेकिन, हरिदास मुंदरा घोटाले में शामिल होने के आरोप लगने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। दूसरी बार 1970 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरागांधी ने यूनियन बजट पेश किया था। इसकी वजह यह थी कि तब वित्तमंत्री मोरारजी देसाई ने 14 प्राइवेट बैंकों के राष्ट्रीयकरण के फैसले के खिलाफ इस्तीफा दे दिया था। उनका आरोप था कि इस फैसले से पहले उनकी राय नहीं ली गई थी। तीसरी बार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1987 में यूनियन बजट पेश किया था। यह बजट वित्त वर्ष 1987-88 का था। इसकी वजह यह है कि तब वित्तमंत्री वीपी सिंह ने इस्तीफा दे दिया था।
4. किस वित्तमंत्री ने सबसे ज्यादा बार यूनियन बजट पेश किया?
पूर्व प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री मोरारजी देसाई के नाम सबसे ज्यादा बार यूनियन बजट पेश करने का रिकॉर्ड है। उन्होंने कुल 10 यूनियन बजट पेश किए थे। पहली बार उन्होंने 1959-63 के दौरान यूनियन बजट पेश किया। फिर 1967 से 1969 के दौरान उन्होंने बजट पेश किया था। इसके अलावा उन्होंने 1962-63 और 1967-68 के दौरान अंतरिम बजट पेश किए थे। इसके बाद 9 बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड पी चिदंबरम के नाम है। प्रणब मुखर्जी ने 8 बार बजट पेश किया था। यशवंत सिन्हा ने 8 बार बजट पेश किया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 6 बार बजट पेश किया।
5. रेल बजट को यूनियन बजट में किस साल मिलाया गया?
2017 में पेश यूनियन बजट में दो बड़े फैसले लिए गए। पहला, रेल बजट को यूनियन बजट में मिला दिया गया। इसका मतलब है कि अलग से संसद में रेल बजट पेश करने की परंपरा खत्म हो गई। दूसरा यह कि 2017 में पहली बार बजट 1 फरवरी को पेश किया गया। इससे पहले बजट फरवरी की अंतिम तारीख को पेश होता था। 1 फरवरी, 2017 को पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2017-18 का बजट पेश किया था। इस यूनियन बजट में रेल बजट भी शामिल था। नीति आयोज की सिफारिश पर ऐसा किया गया था।