Budget 2024: बजट के बाद सस्ता हो सकता है पेट्रोल-डीजल? GST में आएगा Petrol-Diesel, होगा ऐलान

Budget 2024: हर साल बजट से आम लोगों को उम्मीदें होती है। इस बार मोदी सरकार के तीसरे टर्म के पहले आम बजट से फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण बजट में बड़ा ऐलान करेंगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार 23 जुलाई 2024 को बजट पेश करेंगी

अपडेटेड Jul 19, 2024 पर 5:01 PM
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Budget 2024: इस बार बजट में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स के दायरे में लाने का ऐलान हो सकता है।

Budget 2024: हर साल बजट से आम लोगों को उम्मीदें होती है। इस बार मोदी सरकार के तीसरे टर्म के पहले आम बजट से फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण बजट में बड़ा ऐलान करेंगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार 23 जुलाई 2024 को बजट पेश करेंगी। इस बार बजट में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स के दायरे में लाने का ऐलान कर सकती हैं। एनर्जी इंडस्ट्री के दिग्गजों को उम्मीद है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में वित्त मंत्री पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाने का ऐलान कर सकती हैं।

पेट्रोल-डीजल आ सकते GST के दायरे में

30 जून और 1 जुलाई 2017 की मध्यरात्रि को पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल से पीएम नरेंद्र मोदी ने GST लागू करने का ऐलान किया था। GST लागू करने के पीछे सरकार की मंशा थी कि वन नेशन वन टैक्स की पॉलिसी लागू किया जाए। लेकिन सात साल बीत जाने के बाद भी पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स जैसे पेट्रोल-डीजल, नेचुरल गैस और एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) को GST में जगह नहीं मिली है।


पेट्रोल-डीजल पर लगता है VAT

पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर अभी भी एक्साइज ड्यूटी और VAT जैसे टैक्स लगाए जाते हैं। अगर पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर लगने वाले अलग-अलग टैक्स हटाकर सिर्फ GST लागू कर दिया जाता है, इससे दाम कम हो सकते हैं। साथ ही ट्रेडर्स इनपुट टैक्स क्रेडिट्स (ITC) क्लेम कर सकते हैं। इससे उनकी कुल कॉस्ट भी कम हो जाएगी।

क्या कम होगा पेट्रोल-डीजल का दाम

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाने का फैसला करती हैं तो इंडस्ट्री के साथ-साथ कंज्यूमर्स को भी राहत मिल सकती है। एक्साइज ड्यूटी और VAT की जगह सिर्फ एक टैक्स GST लगने से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से न सिर्फ इंडस्ट्री बल्कि आम आदमी भी परेशान है। फ्यूल की कीमतें चार प्रमुख घटकों से निर्धारित होती हैं:

बेसिक कीमत: किसी भी फ्यूल की मूल कीमत, जिसमें ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा भी शामिल होता है।

डीलर का कमीशन: बेसिक कीमत में डीलर का कमीशन जोड़ा जाता है।

उत्पाद शुल्क (Excise Duty): केंद्र सरकार की तरफ से लगाया गया उत्पाद शुल्क इसमें शामिल होता है।

वैल्यू एडेड टैक्स (VAT): इसके बाद राज्य सरकारें अपनी ओर से वैट लगाती हैं, जो राज्य के हिसाब से अलग-अलग होता है।

इन सभी घटकों को मिलाकर जो कीमत बनती है, वह फाइनल कीमत होती है जिस पर आप पेट्रोल-डीजल खरीदते हैं।

क्या GST से सस्ता हो सकता है फ्यूल?

यदि एक्साइज ड्यूटी और VAT को हटाकर इनके स्थान पर केवल एक टैक्स, यानी GST लगाया जाए, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें सस्ती हो सकती हैं। इससे फ्यूल की कीमतें देशभर में एक समान हो जाएंगी और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

इस प्रकार, पेट्रोल-डीजल की कीमतों का गणित समझने से हमें यह अंदाजा होता है कि किस प्रकार विभिन्न कर और शुल्क मिलकर फ्यूल की अंतिम कीमत बनाते हैं। GST लागू होने से फ्यूल की कीमतों में कमी आ सकती है और ग्राहकों को राहत मिल सकती है।

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First Published: Jul 19, 2024 4:55 PM

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