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Budget 2024: क्या स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़कर होगा 90,000 रुपये! सरकार सैलरी क्लास के लिए करेगी बड़ा ऐलान

Budget 2024: स्टैंडर्ड डिडक्शन सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली टैक्स डिडक्शन है। सैलरी क्लास टैक्सपेयर्स इसके बारे में जानते हैं क्योंकि इसमें पैसा सीधे बच जाता है। पैसा बचाने के लिए निवेश नहीं करना पड़ता। सैलरी क्लास काफी समय में स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) को बढ़ाए जानें की उम्मीद कर रहा है

अपडेटेड Jan 23, 2024 पर 10:35 AM
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Budget 2024: स्टैंडर्ड डिडक्शन सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली टैक्स डिडक्शन है।

Budget 2024: स्टैंडर्ड डिडक्शन सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली टैक्स डिडक्शन है। सैलरी क्लास टैक्सपेयर्स इसके बारे में जानते हैं क्योंकि इसमें पैसा सीधे बच जाता है। पैसा बचाने के लिए निवेश नहीं करना पड़ता। सैलरी क्लास काफी समय में स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) को बढ़ाए जानें की उम्मीद कर रहा है। स्टैंडर्ड डिडक्शन को रिवाइज हुए लगभग पांच साल हो चुके हैं। पिछली बार स्टैंडर्ड डिडक्शन को साल 2019 में बदला गया था। साल 2024 का बजट सिर्फ अंतरिम बजट होगा और वित्तमंत्री पहले ही कह चुकी है कि बजट में कोई बड़े ऐलान नहीं होंगे। ऐसी खबरें आ रही है कि सरकार बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर 90,000 रुपये कर सकती है।

क्या स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़कर होगा 90,000 रुपये?

अभी स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50,000 रुपये है। कई टैक्स एक्सपर्ट का मानना है की ये अब बढ़कर 90,000 रुपये होगी। यानी, सरकार अंतरिम बजट में इस लिमिट को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 90,000 रुपये कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो ये टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी सेविंग साबित हो सकती है।


क्या होता है स्टैंडर्ड डिडक्शन?

स्टैंडर्ड डिडक्शन एक फ्लैट कटौती है, सैलरी क्लास टैक्सेबल इनकम में से बिना किसी खर्च या सेविंग दिखाए बिना छूट पा सकता है। इसका उद्देश्य उन टैक्सपेयर्स के बीच समानता हासिल करना है जो वेतन के माध्यम से इनकम और कारोबार से इनकम पाते हैं। पिछले साल सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को नए टैक्स रीजीम के साथ भी जोड़ दिया। अभी स्टैंडर्ड डिडक्शन पुराने टैक्स रीजीम और नए टैक्स रीजीम दोनों में मिल रही है।

ये है स्टैंडर्ड डिडक्शन का इतिहास

स्टैंडर्ड डिडक्शन पहली बार भारत में 1974 में पेश किया गया। स्टैंडर्ड डिडक्शन के इतिहास के मुताबिक यह कटौती सैलरी क्लास और पेंशनर्स को उनके खर्चों की भरपाई के लिए दिया जाता है। इसे 2004-2005 में टैक्स को आसान बनाने के लिए हटा दिया। इसे फिर 2018 में केंद्रीय बजट में फिर से पेश किया गया और सैलरी क्लास कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 40,000 रुपये तय किया गया। 1 फरवरी 2019 को पेश अंतरिम बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई। हालांकि, यह पुराने टैक्स सिस्टम तक ही सीमित था। बजट 2023 में इसे नए टैक्स रीजीम के साथ जोड़ दिया गया। नए टैक्स रीजीम में 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन की इजाजत दी गई। अब ये नए और पुराने दोनों टैक्स रीजीम पर मिलता है।

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