Budget 2024 : साल 2016 तक हर साल यूनियन (Union Budget) बजट से पहले रेल बजट पेश होता था। रेलमंत्री इसे पेश करता था। इसका लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता था। इसकी वजह यह थी कि रेल बजट में नई ट्रेनों का ऐलान सरकार करती थी। हर इलाके के लोग इस बजट पर इस उम्मीद में नजरें लगाए रहते थे कि उनके इलाके लिए कौन सी नई ट्रेन शुरू होने जा रही है। रेलवे की नई लाइनों, ट्रेन में नई सुविधाओं, रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण और रेल किराए से जुड़े ऐलान इस बजट में होते थे। जिस तरह वित्त मंत्री की तरफ से यूनियन बजट संसद में पेश होता है, उसी तरह रेलमंत्री संसद में रेल बजट पेश करता था।
2017 में पहली बार पेश नहीं हुआ रेल बजट
सरकार ने 2017 में रेल बजट को यूनियन बजट में विलय करने का फैसला किया। इसका मतलब है कि पहली बार 2017 में रेल बजट नहीं पेश किया गया। पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी, 2017 को यूनियन बजट पेश किया। इसमें उन्होंने रेलवे का हिसाब-किताब भी पेश किया। रेलवे के प्रदर्शन के बारे में बताया। रेलवे के लिए पैसे आवंटित करने का ऐलान किया। लेकिन, रेलवे से जुड़ी जानकारियां उतनी व्यापक नहीं थी जिनकी रेल बजट में होती थी। इसलिए लोगों ने तब रेल बजट को बहुत मिस किया था।
इस वजह से लिया गया विलय का फैसला
रेल बजट का यूनियन बजट में विलय का फैसला नीति आयोग की सिफारिश पर किया गया था। नीति आयोग ने इस बारे में एक व्हाइट पेपर पेश किया था। यह सिफारिश पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु को सौंपी गई थी। उसके बाद प्रभु ने पूर्व वित्तमंत्री जेटली को एक लेटर लिखा। इसमें उन्होंने रेल बजट को यूनियन बजट में विलय करने की सलाह दी। इसके पीछे मकसद बजट की प्रक्रिया को आसान बनाना था। यह माना गया था कि यूनियन बजट में रेल बजट का विलय करने से रेलवे की एफिशियंसी बढ़ेगी। इसका फायदा इंडियन इकोनॉमी को भी मिलेगा।
बजट 2023 में रेलवे के लिए रिकॉर्ड आवंटन
2017 से यूनियन बजट में रेलवे का बजट शामिल होता है। 2023 के बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था। यह रेलवे के लिए तब तक का सबसे ज्यादा आवंटन था। इसमें नई रेल लाइनों के प्रस्ताव के साथ ही आधुनिकीकरण पर फोकस था। सरकार ने हाइड्रोजन फ्यूल आधारित 35 ट्रेनें मैन्युफैक्चर करने का प्रस्ताव पेश किया था। 5000 एलएचबी कोच और 58,000 वैगंस बनाने का भी प्रस्ताव था।