Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को मोदी सरकार दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करेंगी। ये अंतरिम बजट होगा। वह एक बार फिर टैबलेट से संसद में अपना बजट भाषण पढ़ेंगी। ये ऐतिहासिक कदम केंद्रीय बजट 2021 में उठाया गया। जब संसद में कागज रहित बजट पेश किया गया। इस साल का केंद्रीय बजट भी पेपरलेस फॉर्म में होगा।
अंग्रेजों ने शुरू किया था लाल रंग का ब्रीफकेस
ब्रीफकेस में बजट पेपर ले जाने की परंपरा हमें अंग्रेजों ने सौंपी थी। भारत का बजट ब्रीफकेस ब्रिटिश बजट में इस्तेमाल होने वाले 'ग्लैडस्टोन बॉक्स' की एक कॉपी थी। 1860 में तत्कालीन ब्रिटिश बजट प्रमुख विलियम ई. ग्लैडस्टोन ने अपने कागजात के बंडल को ले जाने के लिए सोने में उभरे रानी के मोनोग्राम वाले लाल सूटकेस का इस्तेमाल किया, जो बाद में 'ग्लैडस्टोन बॉक्स' के रूप में लोकप्रिय हुआ। बजट ब्रीफकेस अस्तित्व में आया क्योंकि ग्लैडस्टोन के भाषण असाधारण रूप से लंबे थे और उन्हें अपने भाषण पत्र ले जाने के लिए एक ब्रीफकेस की आवश्यकता थी। उन्होंने अपने ब्रीफकेस में लाल रंग का चमड़ा लगा दिया था।
एक मंत्री से दूसरे मंत्री को ट्रांसफर होता रहा ब्रीफकेस
तब 1860 से यूके अपने प्रत्येक बजट सत्र में लाल ग्लैडस्टोन बॉक्स में लेकर जानें लगा। ब्रिटेन में एक बजट ब्रीफकेस एक वित्त मंत्री से दूसरे वित्त मंत्री को दिया जाता है, लेकिन मूल ग्लैडस्टोन बैग इतना जर्जर हो गया था कि इसे 2010 में आधिकारिक तौर पर रिटायर कर दिया गया था। भारत ने भी ब्रिटिश परंपरा का पालन किया लेकिन ब्रिटेन के विपरीत, भारत में वित्तमंत्री अलग-अलग रंगों के अलग-अलग ब्रीफकेस या बैग ले जाते थे।
बदल गए ब्रीफेकेस के फॉर्म
भारत के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी 26 नवंबर 1947 को भारत का पहला बजट पेश करने के लिए चमड़े का पोर्टफोलियो लेकर आए थे। 1970-2019 के बाद से भारतीय वित्त मंत्रियों ने हार्डबाउंड ब्रीफकेस ले जाना शुरू कर दिया। ब्रिटेन के विपरीत इसका आकार और रंग अलग था। जैसे कि 1974 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव चव्हाण संसद में बजट पेश करने के लिए स्टील-लाइन वाला सूटकेस लेकर आए थे, जबकि 2015 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भूरे रंग का ब्रीफकेस रखा था।
2019 में त्याग दिया ब्रीफकेस
2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट ब्रीफकेस की औपनिवेशिक विरासत को त्याग दिया और केंद्रीय बजट कागजात ले जाने के लिए 'बही खाता' को चुना। उन्होंने कहा, 'बजट 2019 के लिए मैं सूटकेस नहीं ले गई थी। हम कोई सूटकेस ढोने वाली सरकार नहीं हैं। सूटकेस का मतलब कुछ और भी होता है।' मोदीजी की सरकार कोई सूटकेस सरकार नहीं है।'