Interim Budget 2024 : केंद्रीय बजट (Union Budget) को लेकर तरह-तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं। आम तौर पर यह माना जा रहा है कि चूंकि यह अंतरिम बजट (Interim Budget) होगा, जिससे इसमें बड़े ऐलान नहीं होंगे। मनीकंट्रोल ने इस बारे में एक्सिस सिक्योरिटीज पीएमएस के पोर्टफोलियो मैनेजर निशित मास्टर से बातचीत की। उनसे 1 फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में होने वाले संभावित ऐलानों के बारे में पूछा। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या अंतरिम बजट में स्टॉक मार्केट के लिए एलान हो सकते हैं? फाइनेंशियल सर्विस इंडस्ट्री में 18 से ज्यादा का अनुभव रखने वाले मास्टर ने कहा कि अंतरिम बजट में स्टॉक मार्केट पर असर डालने वाले ऐलान होने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों के बाद जो नई सरकार बनेगी वह पूर्ण बजट पेश करेगी। इसमें रिफॉर्म्स के बड़े ऐलान हो सकते हैं। पूर्ण बजट पर करीबी निगाहें होंगी।
बजट 2024 में लोकलुभावन की उम्मीद नहीं
मास्टर ने कहा कि इस सरकार ने लोकलुभावन उपायों से दूरी बनाए रखी है। हमारा मानना है कि अगले हफ्ते आने वाले बजट में सरकार ऐसे किसी लोकलुभावन उपायों का ऐलान नहीं करेगी, जिससे उसके खर्च में ज्यादा इजाफा हो। सरकार पर अपनी वित्तीय स्थिति को नियंत्रण में रखने का भी दबाव है। लोकसभा चुनावों वाले साल में सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। आम तौर पर इसमें बड़े ऐलान नहीं होते हैं। हालांकि, 2019 में अंतरिम बजट पेश हुआ था। इसे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी, 2019 को पेश किया था। इसमें कुछ बड़े ऐलान किए गए थे।
प्राइवेट बैंकों के मार्जिन और ग्रोथ पर बढ़ सकता है प्रेशर
तीसरी तिमाही के कंपनियों के नतीजों के बारे में पूछने पर मास्टर ने कहा कि अब तक आए नतीजें मिलेजुले रहे हैं। ज्यादातर बैंकों की कमाई मार्केट के अनुमान के मुताबिक रही है। नॉन-सेक्योर्ड रिटेल क्रेडिट पर कुछ दबाव के संकेत दिखे हैं। हाई क्रेडिट/डिपॉजिट रेशियो के चलते भविष्य में ग्रोथ और मार्जिन पर दबाव दिख सकता है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट बैंकों को ग्रोथ और मार्जिन पर ज्यादा प्रेशर का सामना करना पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि हाई क्रेडिट/डिपॉजिट रेशियो को देखते हुए उन्हें अपनी डिपॉजिट ग्रोथ पर फोकस बढ़ाना होगा।
बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की उम्मीद
साल 2024 स्टॉक मार्केट के लिए कैसा रहेगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमने 2023 में मार्केट में अच्छी तेजी देखी है। इससे मार्केट वैल्यूएशंस हाई लेवल पर पहुंच गया है। हमारा मानना है कि इस साल मार्केट का रिटर्न कम से लेकर मध्यम रह सकता है। कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ में स्थिरता देखने को मिली है। पिछले महीनों में आई शानदार तेजी के बाद हमें मार्केट में उतार-चढ़ाव रहने के आसार दिखते हैं। जहां तक घरेलू संस्थागत निवेशक और विदेशी निवेशकों का सवाल है तो मध्यम से लंबी अवधि में उनका निवेश जारी रहेगा।