Budget 2024 : बजट से पहले बाजार में क्यों हो रही है गिरावट और बजट में क्या सुनना चाहता है बाजार? यह अपने में एक बड़ा सवाल है। सीएनबीसी-आवाज़ के खास शो बजट अड्डा में इसी मुद्दे पर बात हुई। इस चर्चा में भाग लेने के लिए अवाज़ के साथ रहे मार्केट एक्सपर्ट सुनील सुब्रमणियम, Trust Mutual Fund के CIO मिहिर वोरा और Piper Serica के फाउंडर अभय अग्रवाल। यहां हम आपके लिए इस बातचीत का संपादित अंश दे रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का राय है कि बाजार में तीन तरह के निवेशक है। पहले हैं सुस्त निवेशक जो 2020-21 से अब तक निवेशित हैं। दूसरे हैं चुस्त निवेशक जो सेक्टर के हिसाब से निवेश बदलकर मुनाफा कमाते हैं। तीसरे हैं ओवर स्मार्ट निवेशक जो बाजार में गिरावट का इंतजार ही कर रहे हैं। बाजार में ओवर स्मॉर्ट बनना घाटे का सौदा ही साबित हुआ है।
बजट से पहले बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिल रही है। बाजार में जियोपॉलिटिकल चिंता हावी है। मिडकैप और स्मॉलकैप के वैल्युएशन महंगे हैं। डिफेंस, रेलवे शेयरों की तेजी तर्कसंगत नहीं दिख रही है। पहली तिमाही के नतीजों को लेकर भी चिंता है।
बजट का इंतजार, क्या नहीं सुनना चाहता बाजार?
बाजार की नजर अब बजट पर लगी हुई है। अगर इस बजट में कैपिटल गेन्स टैक्स से छेड़छाड़ की जाती है तो इसे पसंद नहीं किया जाएगा। बाजार STT में भी कोई बदलाव नहीं चाहता। अगर में वित्त मंत्री में इसमें कोई बढ़त करती हैं तो इससे बाजार पर निगेटिव असर होगा। बाजार को शेयर से होने वाली कमाई पर ज्यादा या नया टैक्स पसंद नहीं आएगा।
बजट का इंतजार, क्या सुनना चाहता है बाजार?
बाजार को इस बार इनकम टैक्स में ज्यादा छूट की उम्मीद है। इसके अलावा फिस्कल डेफिसिट पर काबू कायम रहने की भी उम्मीद कर रहा है। अगर वित्त मंत्री को फोकस फिस्कल डेफिसिट पर करने पर रहता है तो बाजार पर इसका पॉजिटिव असर होगा। बाजार वित्त मंत्री से कैपेक्स में बढ़ोतरी और PLI जैसी स्कीम को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद कर रहा है। इसके साथ ही इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव, 80C के तहत छूट में बढ़ोतरी, SMEs को टैक्स में राहत, GST दरों में सुधार और बीमा प्रीमियम पर ज्यादा छूट की भी अपेक्षा की जा रही है।
मिहिर वोरा ने कहा कि बाजार का ओवरऑल ट्रेंड तेजी का ही है। बाजार में हाल में आई गिरावट ग्लोबल और कुछ घरेलू वजहों से आई है। लेकिन इतनी तेजी के बाद ये करेक्शन बाजार का एक स्वाभाविक हिस्सा है। बाजार का लॉन्ग टर्म ट्रेंड मजबूत है। शॉर्ट टर्म में तो इस तरह के करेक्शन दिखते ही रहेंगे। इसके खबराने की जरूर नहीं है।
अभय अग्रवाल का कहना है कि इस बार के बजट में किसी बड़े निगेटिस सरप्राइज की उम्मीद नहीं है। बजट एक बड़ा इवेंट है। ऐसे बड़े इवेंट के पहले थोड़ी मुनाफावसूली स्वाभाविक है। ऐसे में शुक्रवार को करेक्शन देखने को मिला। बजट के बाद मार्केट का टेक्सचर और मूड बदलेगा। बजट के बाद बाजार नतीजों पर फोकस करेगा। कंपनियों के अब तक आए नतीजे उम्मीद के मुताबिक ही रहे हैं। बाजार अब नतीजों की तुलना में मैनेजमेंट की कमेंट्री पर फोकस करेगा।
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