केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने एक फरवरी को बजट पेश करने के बाद शुक्रवार को पहला टीवी इंटरव्यू News18 को दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ने पूरी मजबूती से कोरोना महामारी का किया सामना किया। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। कोरोनाकाल की चुनौतियों पर सीतारमण ने कहा कि हमें आने वाले सभी इनपुट के लिए होमवर्क करना था और इसका अर्थ क्या है इसकी गहराई से गुजरना था। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर तमाम तरफ से आ रहे सुझावों पर उन्होंने कहा कि केवल इसलिए कि हम एक रास्ता या दूसरा चुन सकते हैं, हमें यह समझने की समझ होनी चाहिए कि हम किस लिए गए थे।
वित्त मंत्री ने कहा कि तमाम वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद हम आर्थिक सुधारों को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे। कोरोना महामारी जैसी स्थिति को संभालने के लिए मेरे सामने कोई मिसाल नहीं थी। फॉलो करने के लिए कोई उदाहरण नहीं थे। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद हम हितधारकों के साथ बातचीत में लगे रहे। पीएम नरेंद्र मोदी ने बातचीत का नेतृत्व किया। वित्त मंत्री ने कहा की पीएम मोदी ने हमसे बातचीत जारी रखी। सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के साथ खड़े होने का श्रेय भारत की जनता को जाता है। हम बहुत कुछ कर सकते हैं, जैसे एक मजबूत नेतृत्व, पीएम का नेतृत्व..लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि भारत के लोगों ने हमारी रणनीतियों को कैसे आत्मसात किया।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट को लेकर पीएम मोदी से लगातार चर्चा होती रही। बजट से पहले सबकी राय ली गई और सभी क्षेत्रों के लोगों से बात की गई। वित्तमंत्री ने कहा कि देश ने पूरी मजबूती से कोरोना महामारी का सामना किया। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया। अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पेश नरेंद्र मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में सभी तबकों को साधने का प्रयास किया।
उन्होंने जहां एक तरफ मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को आयकर मोर्चे पर राहत देने की घोषणा की। वहीं लघु बचत योजनाओं के तहत निवेश सीमा बढ़ाकर बुजुर्गों और नई बचत योजना के जरिए महिलाओं को भी सौगात दी है। इसके साथ ही बुनियादी ढांचे पर खर्च में 33 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि करने का भी प्रस्ताव किया है।
नई टैक्स व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति की आय सात लाख रुपये है, उसे कोई टैक्स नहीं देना होगा। अबतक यह सीमा पांच लाख रुपये है। साथ ही टैक्स स्लैब को सात से घटाकर पांच कर दिया गया है।