Interim Budget 2024: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अंतरिम बजट में सरकार की वित्तीय सेहत और खर्च के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है। सामाजिक योजनाओं पर फोकस के जरिए उन्होंने वोटर्स के बड़े वर्गों को लुभाने की भी कोशिश की है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का अंतरिम बजट (Interim Budget) है। अप्रैल-मई में चुनाव होने वाले हैं। इसके बाद केंद्र में नई सरकार बनेगी, वह अगले वित्त वर्ष का पूर्ण बजट पेश करेगी। इसलिए वित्तमंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। टैक्स रेट्स को भी मौजूदा लेवल पर बनाए रखा गया है। वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में देश को 2047 तक विकसित देश बनाने को लेकर सरकार के संकल्प को दोहराया।
2047 तक भारत को विकसित देश बनाने पर फोकस
निर्मला सीतारमण ने विकसित भारत के टारगेट को ध्यान में रख एक फ्रेमवर्क पेश किया। इसका फोकस गरीब, युवा, किसान और महिलाओं पर होगा। चारों को मिलाकर उन्होंने इसका संक्षिप्त नाम GYAN दिया। उन्होंने कहा, "हम इंडिया को 2047 तक विकसित देश बनाने के लिए काम कर रहे हैं। सोशल जस्टिस हमारे गवर्नेंस मॉडल का अभिन्न हिस्सा है। इसका फोकस सेकुलरिज्म पर है। यह भ्रष्टाचार में कमी लाएगा और भाई-भतीजावाद खत्म होगा।"
पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा नहीं बढ़ा
वित्तमंत्री ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा नहीं बढ़ाया। इस स्कीम के तहत सरकार किसानों को सालाना 6,000 रुपये देती है। उम्मीद की जा रही थी कि सरकार यह पैसा बढ़ाने का ऐलान अंतरिम बजट में कर सकती है। दो करोड़ हेक्टेयर जमीन वाले करीब 11.8 करोड़ किसान इस स्कीम के दायरे में आते हैं। पांच साल पहले यह स्कीम शुरू हुई थी। इसका ऐलान 2019 के अंतरिम बजट में हुआ था। तब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था।
मध्यम वर्ग के लिए नई हाउसिंग स्कीम का ऐलान
वित्तमंत्री ने अपने छठे बजट में मध्यम वर्ग के लिए नई हाउसिंग स्कीम का ऐलान किया। यह योजना शहरी इलाकों के लिए है। इसे प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर पेश किया गया है। यह एक क्रेडिट लिंक्ड स्कीम है, जिसे 2015 में पेश किया गया था। वित्तमंत्री ने अगले वित्त वर्ष के लिए फिस्कल डेफिसिट का 5.1 फीसदी टारगेट तय किया है। साथ ही उन्होंने इस वित्त वर्ष के फिस्कल डेफिसिट के टारगेट को 5.9 फीसदी से घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया है।
खर्च को नियंत्रण में बनाए रखने की कोशिश
पूंजीगत खर्च के लिए सरकार ने अपना टारगेट बढ़ाया है। हालांकि, इसे पिछले सालों की तरह नहीं बढ़ाया गया है। पिछले दो-तीन सालों में इसमें हर साल करीब 33 फीसदी की वृद्धि की गई थी। इसे बार 11.1 फीसदी बढ़ाकर 11.1 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस वित्त वर्ष के लिए फिस्कल डेफिसिट का 10 लाख करोड़ रुपये का टारगेट है।