Banks loans to MSMEs under ECLGS : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी से प्रभावित एमएसएमई (MSME) सेक्टर के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) के तहत बैंकों ने 3.1 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी है। यह योजना मार्च, 2023 तक के लिए बढ़ा दी गई है।
1.4 लाख करोड़ रुपये की गारंटी की गुंजाइश बाकी
लोकसभा में आम बजट, 2022-23 (Union Budget 2022-23) पर चर्चा के दौरान अपने 100 मिनट के जवाब में सीतारमण ने कहा, “जो एमएसएमई (MSME) अभी भी इसका फायदा लेना चाहते हैं, उनका स्वागत है। ईसीएलजीएस (ECLGS) के तहत 3.1 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी जा चुकी है और 1.4 लाख करोड़ रुपये की गारंटी की गुंजाइश अभी भी बाकी है।”
पीएम मुद्रा योजना से पैदा हुए 1.2 करोड़ रोजगार
उन्होंने कहा, एमएसएमई (MSME) को लगभग 2.36 लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मुद्रा योजना (PM Mudra Yojana) ने 2015 में लॉन्च से अभी तक 1.2 करोड़ अतिरिक्त रोजगार पैदा किए हैं। उन्होंने कहा, “रोजगार के मामले में, सरकार के तमाम प्रयासों से शहरी बेरोजगारी (urban unemployment) घटकर महामारी से पहले के स्तरों पर आ गई है।”
44 यूनिकॉर्न बनना ‘अमृत काल’ का संकेत
वित्त मंत्री ने कहा कि ‘अमृतकाल’ की तरफ बढ़ने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। देश में 2020-21 में 44 यूनिकॉर्न (Unicorn) बने, जो ‘अमृत काल’ का ही संकेत है। यूनिकॉर्न का मतलब ऐसे स्टार्टअप से है जिसका वैल्युएशन कम से कम एक अरब डॉलर हो।
सीतारमण ने कहा, ‘‘आज जनधन योजना के कारण सभी भारतीय समस्त वित्तीय व्यवस्थाओं से जुड़े हैं और इन अकाउंट्स में 1.57 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। इनमें 55.6 फीसदी अकाउंट्स महिलाओं के हैं।’’